jharkhand
  • text

PRESENTS

sponser-logo
स्कूल विलय का अनोखा विरोध, दो गांव वाले बने शिक्षक, बंद स्कूल में बच्चे ले रहे हैं शिक्षा
FOLLOW US
TEXT SIZE
SmallMediumLarge
SHARE
हिंदी समाचार / न्यूज / झारखंड / स्कूल विलय का अनोखा विरोध, दो गांव वाले बने शिक्षक, बंद स्कूल में बच्चे ले रहे हैं शिक्षा

स्कूल विलय का अनोखा विरोध, दो गांव वाले बने शिक्षक, बंद स्कूल में बच्चे ले रहे हैं शिक्षा

बंद स्कूल के बरामदे में बच्चों को पढ़ाते गांव के ही दो युवक
बंद स्कूल के बरामदे में बच्चों को पढ़ाते गांव के ही दो युवक

ग्रामीणों ने गांव के पढ़े लिखे दो युवकों को इन बच्चों को पढ़ाई करवाने का जिम्मा दे दिया है.

    सरकारी स्कूल की शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर सरकार द्वारा नीतियां बनायी जा रही है. कुछ साल पूर्व हर किलोमीटर में सरकारी स्कूल खोलने वाली सरकार की अब नीतियां बदली है तथा कम छात्र संख्या वाले स्कूल को निकटवर्ती स्कूल में विलय किया गया है. बदली नीति के बाद न सिर्फ जमकर सियासत हो रही बल्कि आम लोगों का विरोध देखने को मिल रहा है. इस पूरे परिप्रेक्ष्य में सरायकेला जिले के धातकीडीह के ग्रामीण एक अलग प्रकार का विरोध जता रहे हैं.

    कुछ वर्ष पहले हर किलोमीटर में सरकारी स्कूल खोलने वाली सरकार की नीतियां अब बदल चुकी है. कम छात्र संख्या, शिक्षक व छात्र के अनुपात में बढ़े फर्क के बीच गुणवत्ता की कमी का हवाला देकर स्कूलों को विलय किया गया है. सरायकेला जिले में कुल 287 स्कूलों को विलय किया गया है, तथा 44 स्कूलों को डीग्रेड किया गया है. पूरी स्थिति के बीच हर तरफ विरोध के स्वर उठ रहे हैं. कई जगहों पर सरकार फैसलों को आम लोगों ने पूरी तरह मानो नकार ही दिया है. सरायकेला जिले के धातकीडीह के ग्रामीणों ने विलय का अलग तरह से ही विरोध शुरु कर दिया है.

    गम्हरिया प्रखण्ड के बड़ाकांकड़ा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय घातकीडीह को नव प्राथमिक विद्यालय केरकेट्टाडीह में विलय किया गया है. इस आलोक में सरकार ने धातकीडीह स्कूल में ताला तो जड़ दिया पर वहां के बच्चों को केरकेट्टा स्कूल तक नहीं ला पायी है. स्थानीय ग्रामीणों ने विलय के फैसले का विरोध करते हुए धातकीडीह के बंद पड़े स्कूल के बरामदे पर ही क्लास की व्यवस्था कर दी है. ग्रामीणों ने गांव के पढ़े लिखे दो युवकों को इन बच्चों को पढ़ाई करवाने का जिम्मा देकर वे बच्चों को पढ़वा रहे हैं, तथा हर हाल में धातकीडीह में स्कूल पुन: खोलने की मांग भी कर रहे हैं.

    प्रखंड स्तर की अनुशंसा व राज्यस्तरीय टीम की जांच के बाद विलय किये गये इस फैसले को लेकर न सिर्फ ग्रामीणों का विरोध है बल्कि खुद उस स्कूल के प्रधानध्यापक भी सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है कि धातकीडीह स्कूल में 40 बच्चे पढ़ रहे थे जबकि केरकेट्टाडीह स्कूल में 14 बच्चे पढ़ रहे थे. बावजूद इसके धातकीडीह को केरकेट्टाडीह में विलय किया गया है.

    दरअसल, उस समय अनुशंसा के पीछे धातकीडीह का पुराना बिल्डिंग तथा केरकेट्टाडीह का नया भवन होना बताया जा रहा है. साथ ही धातकीडीह स्कूल के पास गड्ढा होने के कारण भी इसे विलय करने का वजह बताया गया, पर ग्रामीणों के तल्ख विरोध व छात्रों को पर्याप्त संख्या जैसे कई वास्तविक कारणों से शिक्षा विभाग भी वाकिफ है. अब शिक्षा विभाग छात्र हित में ध्यान रखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कह रही है.

    Tags: Jharkhand news, SARAIKELA NEWS