एम्बुलेंस को बचाने की हो रही है कोशिश, डर के साए में जी रहे ड्राइवर
हिमाचल प्रदेश के सोलन में 108 आपातकाल सेवा इतनी जोखिम भरी हो चुकी है कि यह कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. एम्बुल ...अधिक पढ़ें
- News18 Himachal Pradesh
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हिमाचल प्रदेश के सोलन में 108 आपातकाल सेवा इतनी जोखिम भरी हो चुकी है कि यह कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. एम्बुलेंस सेवा के वाहनों के टायर तक फट चुके हैं. ज़्यादातर एम्बुलेंस गाड़ियां पंचर रहती हैं और चलते चलते इन वाहनों के टायर कब फट जाएं इस बात का भी भरोसा नहीं है. इसमें सफर कर अपने जीवन को बचाने का प्रयास कर रहे रोगियों की बात तो दूर है. इन वाहनों को चला रहे चालक और ईएमटी भी जान हथेली पर लेकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार न जाने क्यों आंख बंद कर यह तमाशा देख रही है.
मालूम हो कि 108 एम्बुलेंस सेवा को प्रदेश सरकार मोटा मुनाफा दे रही है तो उन्हें अच्छी सेवाएं देने के लिए उन पर दवाब भी बनाना सरकार का कर्तव्य है.
पिछले दो माह से 108 कर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है. एम्बुलेंस में डीज़ल भरवाने तक के पैसे नहीं मिल रहे हैं. कर्मियों की मानें तो वह रोज़ मौत का सफर कर रहे हैं ऊपर से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है. इसकी वजह से उन्हें घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है. घर में राशन तक डालने के लिए पैसे नहीं है. ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार से यह निवेदन किया है कि वह ऐसी कम्पनी को आपातकाल सेवा चलाने की जिम्मेवारी सौंपे जो इसे बेहतर चला सके.
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