बीजेपी मीटिंग
सवर्ण आंदोलन से चुनावी संकट देख रही बीजेपी अब हर वर्ग को साधने में लगी है. यही वजह है कि ओबीसी महाकुंभ के बाद अब पार्टी वाल्मीकि महाकुंभ की तैयारी कर रही है. भोपाल में होने वाले वाल्मीकि महाकुंभ के जरिए पार्टी की कोशिश एससी वर्ग के उन वोटरों को लुभाने की है, जो पार्टी की जीत की नैया पार लगा सकते हैं.
एक तरफ एससी एसटी एक्ट और दूसरी तरफ सवर्ण समाज की नाराज़गी. इन दो मुद्दों की मझधार में फंसी बीजेपी ने अपनी नैया पार लगाने के लिए महाकुंभों का सहारा लिया है. सतना में ओबीसी महाकुंभ करने के बाद अब पार्टी भोपाल में वाल्मीकि महाकुंभ करने जा रही है. वाल्मीकि महाकुंभ एक अक्टूबर को होगा. उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल होंगे. पार्टी ने महाकुंभ की तैयारी के सिलसिले में वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ रणनीति तैयार की है.
दरअसल एट्रोसिटी एक्ट को लेकर बीजेपी दुविधा में है. अगर वो पूरी ताकत से एक्ट का समर्थन करती है तो सवर्ण समाज की नाराज़गी चुनाव में भारी पड़ सकती है. लेकिन अगर एक्ट को लेकर कमज़ोर रुख़ दिखाती है तो एससी वर्ग के वोटरों के छिटकने का डर है. ऐसे में पार्टी ने अपने सुर बदलते हुए, सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का नारा बुलंद किया है.
मध्य प्रदेश में फिलहाल एससी का करीब 18% वोटबैंक है और इस वर्ग की 35 सीट रिजर्व हैं. इनमें से मौजूदा वक्त में कांग्रेस के पास 2, बीएसपी के पास 3 और 30 बीजेपी के पास हैं. यही वजह है कि सवर्ण आंदोलन से पहले तक बीजेपी का झुकाव प्रमोशन में आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट के पक्ष में रहा लेकिन बदले सियासी हालात में कहीं sc वर्ग के मतदाता दूर ना हो जाएं, इसे ध्यान में रखकर अब महाकुंभों के सहारे उन्हें लुभाने की कोशिश की जा रही है.
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Tags: Anti government protests, Assembly Elections 2018, BJP, Farmer Agitation, Undercurrent worked in BJP’s favour
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