'जयराम रमेश के आरोप सरासर गलत, अडानी की कंपनी के खिलाफ बंद नहीं हुआ केस'

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'जयराम रमेश के आरोप सरासर गलत, अडानी की कंपनी के खिलाफ बंद नहीं हुआ केस'

गौतम अडानी की फाइल फोटो

गौतम अडानी की फाइल फोटो

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने गौतम अडाणी की कंपनी के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय ...अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
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    भारतीय कारोबारी गौतम अडानी को बचाने के आरोपों को सरकार ने पूरी तरह झूठ बताते हुए खारिज किया है. दरअसल कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने गौतम अडानी की कंपनी के खिलाफ राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की जांच बंद करावा दी. हालांकि सरकार ने इसे तथ्यात्मक रूप से गलत करार देते हुए कहा कि वर्ष 2014 से लेकर 2016 के बीच सरकार की तरफ से अडानी इंटरप्राइज़ लिमिटेड को वित्तीय लेनदेन के मामले में तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे.

    सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा, 'दो मामलों में न्यायिक निर्णय के बाद कस्टम विभाग के मुख्य आयुक्तों की कमेटी ने अगस्त 2017 और अक्टूबर 2017 में इन फैसलों का रिव्यू भी किया था. इसके बाद नवंबर 2017 में कस्टम, एक्साइज़ और सर्विस टैक्स अपीलीय ट्रीब्यूनल के समक्ष नवंबर 2017 और फरवरी 2018 में अपील दायर की गई.' उन्होंने बताया कि ये मामले अभी ट्रीब्यूनल के समक्ष विचाराधीन हैं, इन्हें खारिज नहीं किया गया है.

    बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर गौतम अडाणी की कंपनी के खिलाफ जांच बंद करवाने' का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस सरकार के शासन में 'मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण' हो रहा है. रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘न्यूनतम शासन और कारगर सरकार’ (मिनिमम गर्वन्मेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेंस) का वादा किया था, लेकिन इसके पूरी तरह उलट हो चुका है.

    रमेश ने अडाणी की कंपनी का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले दो-तीन सालों में जब कहीं इस कंपनी के बारे में कुछ ना कुछ जांच शुरू होती है, सरकार जल्दी से जल्दी उस जांच को खत्म कर देती है या बंद करा देती है.' उन्होंने कहा, 'डीआरआई ने कहा था कि इस कंपनी ने ऊर्जा उपकरणों के आयात में करीब 6,600 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. ये मामला अभी बंद हो चुका है और एक वरिष्ठ अफसर द्वारा निर्णय लिया गया है कि इसमें कुछ है ही नहीं है.'

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