बीपी मंडल जयंती : आरक्षण लागू होने के बाद भी वंचितों को नहीं मिला पूरा हक

FOLLOW US
TEXT SIZE
SmallMediumLarge
SHARE
होम / न्यूज / बिहार / बीपी मंडल जयंती : आरक्षण लागू होने के बाद भी वंचितों को नहीं मिला पूरा हक

बीपी मंडल जयंती : आरक्षण लागू होने के बाद भी वंचितों को नहीं मिला पूरा हक

मंडल आयोग की सिफारिशों को सौंपते बीपी मंडल

मंडल आयोग की सिफारिशों को सौंपते बीपी मंडल

मंडल आयोग के जनक बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल का आज पूरा देश जयंती समारोह मना रहा है लेकिन सियासतदारों के लिए यह किसी उत्सव स ...अधिक पढ़ें

    मंडल आयोग के जनक बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल का आज पूरा देश जयंती समारोह मना रहा है लेकिन सियासतदारों के लिए यह किसी उत्सव से कम नहीं है. सभी पार्टियां जयंती समारोह के जरिये अपने वोटबैंक को मजबूत करने में लगी हैं. पार्टियां इनके जरिये पिछड़ों को अपनी ओर रिझाने में लगी हैं.

    ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लास वेलफेयर एसोसिएशन के अनुसार 1978 में बीपी मंडल ने जिम्मेवारी मिलने बाद जो रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें नौकरी में आरक्षण, प्रमोशन में आरक्षण. शिक्षा में आरक्षण, ओबीसी छात्रो के लिए आवासीय विद्यालय, ओबीसी के दयनीय आर्थिक स्थिति को देखते हुए वित्तिय सहायता, ओबीसी के लिए अलग मंत्रालय बनाने की बात जैसी कई अनुशंसाएं की गई थी. लेकिन 1993 में लागू हुए मंडल कमीशन के रिपोर्ट के बाद भी सिर्फ नौकरी और शिक्षा में आरक्षण ही धरातल पर उतर सकी है.

    ये भी पढ़ें- मंडल आयोग से चर्चा में आए बीपी मंडल को भारत रत्न देने की मांग

    पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव ने कहा कि अभी सिर्फ सिर्फ 49.5 प्रतिशत आरक्षण है. आरक्षण की सीमा को और बढ़ाने की जरुरत है और साथ ही सामाजिक न्याय के लिए समर्पित बी पी मंडल को भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए.

    एक आंकड़ा के मुताबिक 1979 में केन्द्र सरकार में क्लास वन में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 1,74,026 थी, जिसमें ओबीसी की संख्या 8,169 यानि 4.69 प्रतिशत और एसटी एससी की संख्या 9891 यानि 5.68 प्रतिशत थी. 1979 में ग्रुप बी में कुल संख्या 9,12,925 थी जिसमें ओबीसी की संख्या 97,063 यानि 10.63 प्रतिशत और एसटी-एससी की संख्या 1,65,982 यानि 18.18 प्रतिशत थी

    आरक्षण लागू होने के बाद यानि 2015 में केन्द्र के ग्रुप ए में नौकरी करने वाले की संख्या 76,066 जिसमें ओबीसी की संख्या 8,952 यानि 11.77 प्रतिशत और 10,122 एसटी यानि 13.31 प्रतिशत और एससी की संख्या 4,484 यानि 5.89 प्रतिशत ही थी.

    ये भी पढ़ें-Exclusive: लालू यादव को हैं ये गंभीर बीमारियां, करीबी सहयोगी ने किया खुलासा

    इसी प्रकार ग्रुप बी में कुल कर्मचारियों की संख्या 2,24,334 थी जिसमें से 27,801 यानि 12.39 प्रतिशत ओबीसी 36,502 यानि 16.27 प्रतिशत एसटी और 15,032 यानि 6.75 प्रतिशत एससी की थी यानि मंडल कमीशन के जरिये भी आरक्षण का कोई लाभ नही मिल सका.

    रालोसपा नेता सत्यानंद दांगी का कहना है कि अभी  मंडल आयोग की 12 सिफारिशें जस का तस पड़ी हुई है. सभी राजनीतिक पार्टियां दलित अति पिछड़ा, पिछड़ा पर फोकस कर रही हैं लेकिन मंडल के अनुशंसाओं को पूरी तरह लागू नहीं किया गया है.

    ये भी पढ़ें- बिहार कैबिनेट ने 32 एजेंडों पर लगाई मुहर, पंचायती राज विभाग में 460 पद मंजूर

    गौरतलब है कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट को कोर्ट में अब तक चुनौती नही दी गयी है क्योकि बीपी मंडल ने इस रिपोर्ट में जाति नही बल्कि सामाजिक और शैक्षनिक आधार पर पिछड़े वर्ग को शामिल किया है जिसमें अगड़ी जाति के साथ समाज के हर वर्ग को आरक्षण देने की बात कही गयी है.

    Tags: Bihar News, PATNA NEWS

    फोटो
    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें