केदारनाथ के ग्रामीणों ने स्थानीय उत्पादों का प्रसाद बेच कर कमाए 1.25 करोड़
उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में खेती, किसानी और गांव के साथ-साथ पारिस्थिकीय तंत्र पर सबसे बड़ा संकट मंडरा रहा है. लिह ...अधिक पढ़ें
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स्थानीय उत्पादों से बनाए गए प्रसाद को बेचकर केदारनाथ में इस वर्ष ग्रामीणों ने एक करोड़ 25 लाख की आय अर्जित की तो बद्रीनाथ में 27 लाख पचास हजार और यमनोत्री में ग्रामीणों को साढ़े चार लाख की विशुद्ध आय हुई. यह जानकारी हैस्को संस्थापक पदमश्री अनिल जोशी ने दी.
अनिल जोशी राजभवन में आयोजित 'टॉपर्स-कॉनक्लेव' में पारिस्थितिकी समावेशी अर्थव्यस्था पर व्याख्यान दे रहे थे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था को आधार बनाकर देश की जीडीपी तय की जाती है, उसी तरह ईकोलॉजिकल की जीडीपी भी तय की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में खेती, किसानी और गांव के साथ-साथ पारिस्थिकीय तंत्र पर सबसे बड़ा संकट मंडरा रहा है. लिहाजा गांव की ओर नए सिरे से सोचने की जरूरत है. उन्होंने रीजिनल ब्रान्डिंंग पर जोर देते हुए कहा कि बेहतर भविष्य के लिए गांवों में स्थानीय संसाधनों पर आधारित अर्थव्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता है.
बता दें, राजभवन में हो रहे 'टॉपर्स-कॉनक्लेव' में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा कर रहे हैं. इसका मकसद है कि वर्तमान में शिक्षा को समय की आवश्यकता के अनुरूप ढाला जा सके और देश के विकास को नई दिशा और सोच से साथ काम करने के अवसर पैदा किए जाएं.
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