यूपी महागठबंधन में शामिल होने को बेकरार कांग्रेस, चाहती है 15 सीटें
हालांकि, गठबंधन में कांग्रेस कम से कम 15 सीटें चाहती है. जबकि सपा और बसपा के मेल के बाद कांग्रेस को इतनी सीटें मिलना मु ...अधिक पढ़ें
- News18 Uttar Pradesh
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दिल्ली में राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक के बाद यूपी में महागंठबंधन की सुगबुगाहट एक बार फिर शुरू हो गई है. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा के साथ होने वाले महागठबंधन में शामिल होने के लिए कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है. मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने सम्मानजनक सीटों की शर्त रखी तो कांग्रेस, अपनी उदारवादी छवि का हवाला देकर गठबंधन के सहयोगी दलों की सभी शर्तों पर विचार करने की बात कर रही है.
हालांकि, गठबंधन में कांग्रेस कम से कम 15 सीटें चाहती है. जबकि सपा और बसपा के मेल के बाद कांग्रेस को इतनी सीटें मिलना मुश्किल लग रहा है. वहीं कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बताया है जबकि बसपा और सहयोगी दल मायावती को पीएम कैंडिडेट बनाना चाहते हैं. लेकिन कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेता इशारा दे रहे हैं कि अगर जरूरी हुआ तो कांग्रेस साथी दलों के लिए लचीला रवैया अपनाते हुए बीच का रास्ता निकाल सकती है.
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व लगातार मध्यप्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ समझौते पर काम कर रहे हैं. अगर इन राज्यों में बसपा के साथ बात बनती है तो लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन की गाड़ी आगे बढ़ सकती है.
यूपी कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव बख्शी कहते हैं कि अखिलेश यादव कांग्रेस के पुराने साथी रहे हैं, अगर अब उसमें मायावती भी जुड़ना चाहती हैं तो उन्हें कोई गुरेज नहीं है. उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग एक मसला जरूर हो सकता है, जहां कांग्रेस के उसकी प्रभुत्व के तहत कितनी सीटें मिलती हैं. यह एक आंकलन का बड़ा विषय होगा. इसी के आधार पर बात आगे बढ़ भी सकती है और चर्चा हो सकती है.
प्रधानमं
त्री चेहरे पर उन्होंने कहा, "हमारे लिए और कांग्रेस के लिए तो राहुलजी ही प्रधानमंत्री का चेहरा हैं. राहुल जी और कांग्रेस अभी तक बहुत उदार ह्रदय वाली पार्टी रही है. अब चुनाव परिणाम के बाद क्या स्थिति बनती है उस पर फैसला होगा."
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