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पर्यटन सीज़न शुरू होते ही मसूरी में होटलों की मनमानी शुरू, वसूल रहे हैं कई गुना दाम

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पर्यटन सीज़न शुरू होते ही मसूरी में होटलों की मनमानी शुरू, वसूल रहे हैं कई गुना दाम

पर्यटन सीजन शुरू होते ही पहाड़ों की रानी मसूरी में रुकना महंगा हो गया है. पर्यटकों की आमद बढ़ने के साथ ही शहर में होटलों के टैरिफ रेट में बेहताशा इज़ाफा हो गया है.
पर्यटन सीजन शुरू होते ही पहाड़ों की रानी मसूरी में रुकना महंगा हो गया है. पर्यटकों की आमद बढ़ने के साथ ही शहर में होटलों के टैरिफ रेट में बेहताशा इज़ाफा हो गया है.

शहर में अधिकांश होटलों और गेस्ट हाउस में पर्यटकों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन पर्यटकों से हो र ...अधिक पढ़ें

    पर्यटन सीजन शुरू होते ही पहाड़ों की रानी मसूरी में रुकना महंगा हो गया है. पर्यटकों की आमद बढ़ने के साथ ही शहर में होटलों के टैरिफ रेट में बेहताशा इज़ाफा हो गया है. शहर में अधिकांश होटलों और गेस्ट हाउस में पर्यटकों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन पर्यटकों से हो रही लूट को रोकने में नाकाम दिख रहा है.

    मसूरी में हर साल मई से जुलाई तक पर्यटन सीज़न चरम पर होता है और हर साल लाखों सैलानी घूमने आते हैं. इन्हीं तीन महीने में होटलों और गेस्ट हाउस के रेट चार से पांच गुना तक बढ़ जाते हैं लेकिन मनमाने दाम ले रहे होटल संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है.

    कई होटल संचालक भी मानते है कि शहर में पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर कई होटल संचालक मनमाना टेरिफ सैलानियों से लेते हैं जो गलत है. मुख्य बाज़ार में एक होटल के मैनेजर मयंक भदोला कहते हैं कि कुछ होटल वीकडेज़ पर 500 रुपये लेते हैं तो वीकेंड पर तीन से चार हज़ार रुपये तक वसूल रहे हैं. भदोला कहते हैं कि यह होटल व्यवसाय और शहर की बदनामी करने जैसा है.

    इसी तरह एक और होटल के मैनेजर कुशाल सिंह कहते हैं कि मुख्य बाज़ार में और बड़े होटलों में तो टेरिफ़ की लिस्ट लगी होती है लेकिन शहर के बाहर छोटे होटल और गेस्ट हाउस ऐसा नहीं करते और पर्यटक को देखकर पैसे की मांग करते हैं.