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हजारों किसानों ने पुनर्वास नीति को लेकर निकाली न्याय पदयात्रा
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हजारों किसानों ने पुनर्वास नीति को लेकर निकाली न्याय पदयात्रा

हजारों किसानों ने पुनर्वास नीति को लेकर निकाली न्याय पदयात्रा
हजारों किसानों ने पुनर्वास नीति को लेकर निकाली न्याय पदयात्रा

7 साल बीत जाने के बाद भी हाईकोर्ट ने आज तक किसानों को उचित न्याय से दूर रखा. सिर्फ पेशी पर पेशी की तारीख तय कर किसानों ...अधिक पढ़ें

    छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में शासन ने रायपुर में नई राजधानी बसाने को लेकर किसानों की जमीनों को सस्ते दामों में लेकर जमीन का अधिग्रहण कर लिया है. इसमें 27 गांव के हजारों किसानों की जमीनें ली गईं थी, जिसमें शासन के नियमानुसार पुर्नवास नीति के तहत सुविधाए प्रदान करनी थी लेकिन साल 2011 से आज तक शासन ने इन पीड़ित किसानों को कोई  सुविधा प्रदान नहीं की है.

    इसके बाद नई रायपुर के 5 हजार 824 किसानों ने शासन के विरुद्ध बिलासपुर हाईकोर्ट में प्रकरण दर्ज किया था. इस दौरान किसानों ने शासन से पुर्नवास की सभी सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की थी, लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी हाईकोर्ट ने आज तक किसानों को उचित न्याय से दूर रखा. सिर्फ पेशी पर पेशी की तारीख तय कर किसानों को गुमराह किया गया.

    लिहाजा, इसी से झुब्ध होकर हजारों की संख्या में किसानों ने नई रायपुर से बिलासपुर हाईकोर्ट न्याय पदयात्रा के लिए बलौदाबाजार के सिमगा होते हुए प्रस्थान किया है. ताकि 5824 किसानों को न्याय मिल सके.

    मामले में किसान नेता के. के. वर्मा ने कहा कि रमन सरकार ने किसानों को सिर्फ लूटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि किसानों की जमीनों को पुनर्स्थापन के नाम पर अधिग्रहण कर लिया गया है. ऐसे में किसान न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं, लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं है. किसानों को न तो रोजगार मिल रहा है और ना ही किसी प्रकार का पुनर्स्थापन मिल रहा है. इसी क्रम में रायपुर से सभी किसान दल बल के साथ न्याय के लिए न्यायालय का शरण लिया है.