चेन्नई में शुरू होगी 'शुद्ध ब्राह्मण लंच बॉक्स' सर्विस, ट्विटर पर भड़के लोग

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चेन्नई में शुरू होगी 'शुद्ध ब्राह्मण लंच बॉक्स' सर्विस, ट्विटर पर भड़के लोग

कैटरिंग कंपनी 15 अगस्त को शुद्ध ब्राह्मण लंच बॉक्स सर्विस शुरू करेगी.

कैटरिंग कंपनी 15 अगस्त को शुद्ध ब्राह्मण लंच बॉक्स सर्विस शुरू करेगी.

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया. लोगों का कहना है कि जिस तरह जैन भोजन और हलाल भोजन ठीक है, उसी तरह ब्राह्म ...अधिक पढ़ें

    बेंगलुरु में एक केटरिंग कंपनी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लॉन्च होने वाली एक नई सर्विस का प्रमोशन शुरू कर दिया है. केटरिंग कंपनी 15 अगस्त को शुद्ध ब्राह्मण लंच बॉक्स सेवा शुरू करने जा रही है. मंगलवार को वकील और एक्टिविस्ट डॉ. बी कार्तिक नवयान ने ट्विटर पर एक 'शुद्ध ब्राह्मण लंच बॉक्स सेवा' के बैनर की एक फोटो शेयर की है.

    विज्ञापन में 'ब्राह्मण लंच बॉक्स' कंपनी ने घोषणा की है कि वह जेपी नगर, बीटीएम लेआउट, पुत्तनहल्ली, बिलेकहल्ली और आस-पास के क्षेत्रों सहित बेंगलुरु के कई क्षेत्रों में ग्राहकों के दरवाजे तक 'शुद्ध ब्राह्मण भोज' पहुंचाएगा.

    मेनू में शाकाहारी भोजन की कीमत 40 रुपए, 45 रुपए और 60 रुपए है. मार्केट में आसानी से उपलब्ध यह एकमात्र सर्विस नहीं है, बल्कि ऐसी कई सर्विस मार्केट में आसानी से मिल जाती हैं.




    अक्षय एस होममेड फूड डिलिवरी सर्विसेज चेन्नई में एक बहुत लोकप्रिय फूड डिलिवरी सर्विस है जो 'ब्राह्मण भोजन' परोसती है. कई उद्यमियों ने विदेशों में भी ऐसी सेवाएं देना शुरू कर दिया है. कैलिफोर्निया स्थित माइलपुर एक्सप्रेस शुद्ध 'ताम-ब्रह्म' भोजन प्रदान करने का दावा करता है.



    ऐसी सेवाएं फूड डिलिवरी सर्विसेज जैसे स्विगी और ज़ोमैटो पर भी उपलब्ध हैं. बेंगलुरू के इंदिरानगर में  'ब्राह्मण होम फूड' इसका उदाहरण है. बेंगलुरु में कई केटरिंग सर्विसेज और छोटे पैमाने पर रेस्तरां हैं जो  घर बने हुए भोजन उपलब्ध कराते हैं. जिनमें शुद्ध जैन भोजन की सुविधा कई सालों से उपलब्ध है.



    सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसका समर्थन किया. लोगों का कहना है कि जिस तरह जैन भोजन और हलाल भोजन ठीक है, उसी तरह ब्राह्मण भोजन भी ठीक है. लेकिन वहीं ज्यादातर लोगों का कहना है कि यह जातिवाद को बढ़ावा दे रहा है.



    कई लोगों ने विज्ञापन के दावे पर सवाल उठाया - 'शुद्ध ब्राह्मण भोजन' का क्या अर्थ है? क्या यह सिर्फ शाकाहारी भोजन या ब्राह्मणों द्वारा पकाया हुआ भोजन है?



    कई दलित अधिकार एक्टिविस्ट ने 'जातिवादी' भोजन के खिलाफ सवाल उठाया गया है. उन्होने दावा किया है कि मुख्यधारा के खाद्य प्राथमिकताओं से दलितों को बाहर करने का यह पारंपरिक तरीका रहा है. उद्यमी चंद्रभान प्रसाद ने हाल ही में Dalitfoods.com लॉन्च किया है, जो कि दलित व्यंजन बेच रही है. कुछ डाक्यूमेंट्रीज जैसे 'Stir. Fry. And Simmer' खाने की अदृश्य राजनीति को सामने लाने का अच्छा प्रयास है.

     

    Tags: Bengaluru

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