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आफत की बारिश: अब तक 12 मौतें, 8 जिलों में स्कूल बंद

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आफत की बारिश: अब तक 12 मौतें, 8 जिलों में स्कूल बंद

कुल्लू में ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है.
कुल्लू में ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है.

हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सीजन में बारिश से 1231 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन किया गया है.

    हिमाचल प्रदेश में बीते 8 साल में 2018 में मॉनसून ने जमकर कहर बरपाया है. आठ साल बाद मॉनसून सीजन में सबसे अधिक बारिश हुई है.

    बीते तीन दिन में जहां 12 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करोड़ों रुपए की संपति पानी के साथ बह गई है. पूरे प्रदेश में जगह-जगह सैकड़ों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं. सबसे ज्यादा लोग लाहौल घाटी में केलांग और आसपास के इलाकों में फंसे हैं.

    मंडी में पंडोह डैम और लारजी डैम के गेट खोले गए हैं. हालांकि, मंगलवार को बारिश कम होने से पानी का जलस्तर कम हुआ है. वहीं, कांगड़ा में पौंग डैम खतरे के निशान के करीब है. इसलिए इसके गेट भी खोले जा सकते हैं. इस संबंध में पंजाब में अलर्ट जारी किया गया है. हिमाचल में सबसे ज्यादा नुकसान कुल्लू, चंबा और मंडी में हुआ है. चंडीगढ़ मनाली हाईवे जगह-जगह से बंद हुआ है.

    लाहौल घाटी में सैकड़ों लोग फंसे
    लाहुल स्पीति के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर 700 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं. छोटा दड़ा, छतडू, चंद्रताल, बातल, कोकसर, कुंजम दर्रा के आसपास ये लोग फंसे हैं. अपुष्ट जानकारी के अनुसार, कोकसर में 123, बकरथाच धुंधी में 210 ट्रैकर, सरचू से बारालाचा दर्रा में क़रीब 300 पर्यटकों के फंसे होने की खबर है. मंगलवार को एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर इन इलाकों की रेकी करेंगे. बाद में सभी लोगों को रेस्क्यू किया जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इन इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. मंगलवार को दोपहर 11 बजे के करीब सीएम भुंतर पहुंच रहे हैं. वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने यह जानकारी दी है.

    इस सीजन में इतनी बारिश
    इस बार मॉनसून सीजन में अब तक 856.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. इससे पहले 2010 में 888.5 मिमी बारिश हुई थी. बीते तीन दिन में सूबे में 128 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है. जो पूरे मॉनसून में हुई बारिश का 18% है. ब्यास, रावी सतलुज समेत ज्यादातर नदियां व नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं. कई इलाकों में पानी भर गया है.

    चंबा में सबसे अधिक बारिश
    हिमाचल प्रदेश में रविवार से लेकर सोमवार शाम तक सबसे अधिक बारिश चंबा जिले में हुई है. चंबा के कालाटॉप में 225 एमएम, डलहौजी में 170एमएम, खैरी में 157 एमएम, कांगड़ा के देहरागोपीपुर में 121, बिलासपुर के नैना देवी में 120 एमएम, चंबा में 117, गुलेर में 112 और कांगड़ा के पालमपुर में 108 एमएम पानी बरसा है. शिमला में सोमवार को 53 एमएम, ऊना में 142, मनाली में 49 एमएम, मंडी में 32 एमएम बारिश हुई है.

    आठ जिलों में आज भी स्कूल बंद
    हिमाचल प्रदेश में सोमवार को सोलन और ऊना को छोड़कर दस जिलों में स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थान बंद थे. अब मंगलवार को प्रदेश के 8 जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश हैं. शिमला, सोलन, मंडी और बिलासपुर में मंगलवार को स्कूल-कॉलेज आम दिनों की तरह खुले रहेंगे.

    चंबा में 1200 से ज्यादा स्कूली बच्चे और शिक्षक फंसे
    चंबा के होली में कई स्कूलों के 1200 बच्चे और शिक्षक फंसे हुए हैं. यहां पर स्कूली खेल प्रतियोगिताएं चल रही थीं, जो 23 सितंबर को खत्म हो गईं, लेकिन रोड बंद होने की वजह से ये बच्चे और शिक्षक वहीं फंस गए हैं. इन्हें ग्रामीणों और अन्य लोगों ने शरण दी है.

    अब तक क्या-क्या हुआ
    कुल्लू में बाढ़ की वजह से 21 लोगों को एयरफोर्स ने हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया है. यहां बस-ट्रक के अलावा दर्जन वाहन ब्यास नदी में बह गए हैं. लैंडस्लाइडिंग से कुल्लू-मनाली और मनाली-चंडीगढ़ हाईवे समेत 211 सड़कें बंद हैं. सोमवार को लोक निर्माण विभाग ने 167 सड़कों को बहाल किया है, जबकि 211 सड़कें अब भी बंद हैं. कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर पत्थर गिरने की वजह से ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. हिमाचल रोडवेज के 305 रूटों पर बारिश का खासा असर हुआ है. लाहौल घाटी में 350 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की खबर है.

    14 साल बाद सितंबर में रोहतांग में बर्फबारी
    रोहतांग और लाहौल में सितंबर में 14 साल बाद बर्फबारी हुई है. लाहौल-स्पीति का संपर्क पूरे देश से कट गया है. भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए 8 जिलों में मंगलवार को भी स्कूल बंद हैं. मौसम विभाग के अनुसार, 26 सितंबर को प्रदेश से मॉनसून की विदाई होगी.

    कहां-कहां हुईं मौतें
    कुल्लू में गलू पुल के पास दो स्कूटी सवार पार्वती नदी में बह गए. बजौरा में 15 वर्षीय सुल्तान ब्यास में बह गई है. मणिकर्ण में पीणी में पहाड़ दरकने से दंपती चपेट में आ गए हैं, जिसमें महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई है और पति घायल है. चंबा में एक बच्ची नाले में बह गई है. कांगड़ा के ज्वाली में नाहड़ खड्ड में एक व्यक्ति बह गया और ऊना के गगरेट में एक जूस फैक्ट्री धराशायी हो गई है, जिसमें यूपी के युवक की मलबे में दबकर मौत हो गई है. ऊना में ही मकान के मलबे में दबकर बुजुर्ग की मौत की खबर है. वहीं, शिमला के चौपाल में मकान चट्टान गिरने से तीन लोगों की मौत हुई है. वहीं, बारलाचा के पास एक सैलानी की मौत की भी खबर है.

    26 सितंबर तक नहीं खोले जाएंगे पौंग डैम के गेट
    चंबा में चमेरा डैम से पानी छोड़ा गया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मनीषा नंदा ने कहा कि पंजाब को भी अलर्ट कर दिया गया है. पौंग का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास पहुंच चुका है. 26  सितंबर तक पानी  नहीं छोड़ा जाएगा. फ़िलहाल, पानी का स्तर 1386 फीट से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि 1390 फ़ीट खतरे का निशान है. बांध का एरिया 1430 फ़ीट है और इसमें 1410 फीट तक पानी भर चुका है.  भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के मुताबिक पौंग झील में पानी की आमद 1 लाख 65 हजार क्यूसेक दर्ज की गई है और यहां पानी खतरे के निशान के करीब था. लेकिन बुधवार तक हालात पर नजर बनाने के बाद पानी छोड़ने को  लेकर कोई फैसला लिया जाएगा.

    हिमाचल को अब तक 1280 करोड़ का नुकसान
    हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सीजन में बारिश से 1280 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है. फिलहाल सोमवार सुबह तक सरकार को मिली रिपोर्ट के अनुसार, सूबे को बारिश के कारण 1280 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सबसे अधिक नुकसान प्रदेश की सड़कों को पहुंचा है.

    Tags: Heavy rain fall, Himachal pradesh, Kullu, Manali