बाढ़ की त्रासदी के बीच केरल में ओणम की चमक फीकी
बाढ़ प्रभावित लोगों के चिंतित दिमाग को शांत करने के लिए पुक्कलम बनाई गई है. सबसे अधिक प्रभावित अलापुझा जिले में एक मस्ज ...अधिक पढ़ें
- भाषा
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बुजुर्ग महिला कुमारी अलापुझा जिले में एक बाढ़ राहत शिविर के आंगन में अन्य लोगों को ‘पुक्कलम’ (फूलों की रंगोली) बनाने का प्रयास करते हुए टकटकी लगाये बस देख रही थी. अपने परिवार के साथ पिछले साल मनाए गए ओणम के जश्न को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि हम उस घर में ओणम का जश्न फिर नहीं मना पायेंगे.’’
उन्होंने कहा, ''आज थिरु ओणम है, लेकिन हम इस राहत शिविर में हैं. लगातार बारिश और बाढ़ से हमारे घर तबाह हो गए.''
कुमारी उन आठ लाख से अधिक लोगों में शामिल हैं जो भयावह बाढ़ से बेघर हुए है और अब राज्य के राहत शिविरों में रह रहे हैं. इस भयानक बाढ़ से अब तक 265 लोगों की मौत हो चुकी है. शनिवार को थिरू ओणम का त्योहार है जिसका इंतजार केरल के लोग बड़ी बेसब्री से करते हैं. स्कूलों, कॉलेजों, कन्वेंशन हाल, मस्जिदों और गिरिजाघरों में ओणम त्योहार की तैयारी की गई थी जो अब विभिन्न जिलों में राहत शिविरों के रूप में बदल चुके हैं.
बाढ़ प्रभावित लोगों के चिंतित दिमाग को शांत करने के लिए पुक्कलम बनाई गई है. सबसे अधिक प्रभावित अलापुझा जिले में एक मस्जिद में ओणम का त्योहार मनाया गया. यह मस्जिद एक राहत शिविर में बदल चुकी है.
मजिस्द समिति के एक अधिकारी ने कहा कि 18 अगस्त को सभी धर्मों के लोगों को आश्रय देने के लिए मस्जिद के दरवाजे खोले गये थे.
उन्होंने कहा,‘‘हमने कई मकानों को तबाह और लोगों को विस्थापित होते हुए देखा है, हमने ‘नमाज’ अदा करने के लिए इस्तेमाल होने वाले अपने हॉल को विस्थापितों के लिए खोला है. यह सचमुच धार्मिक सद्भाव है. बाढ़ सभी धर्मों के लोगों को एक साथ ले आई है.’’
हाल में बकरीद का जश्न भी यहां इसी भावना के साथ मनाया गया था. ओणम शनिवार को मनाया जा रहा है और शिविर में लोगों ने इसे मनाने की तैयारी की है.
चेंगान्नूर में एक राहत शिविर में रह रहे एक व्यक्ति ने कहा कि इस बार ओणम का जश्न बेशक इस बार फीका है लेकिन हम अगले साल निश्चित रूप से इस पर्व को अपने घरों में मनायेंगे.
कई शिविरों में इस त्योहार को मनाने के लिए महिलाएं सब्जियां काटने में व्यस्त हैं और पुरुष बिना किसी झिझक के उनकी मदद के लिए खड़े है. केरल में ओणम का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन इस बार उत्सव के समय लोगों के दिमाग में यह बात है कि वे इस विपदा से बाहर कैसे निकलेंगे.
राज्य सरकार ने भी इस बार ओणम त्योहार के जश्न रद्द कर दिये है.
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