नुरपूर बस हादसा: ‘पांच माह बाद भी पुलिस नहीं दाखिल कर पाई चार्जशीट’

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नुरपूर बस हादसा: ‘पांच माह बाद भी पुलिस नहीं दाखिल कर पाई चार्जशीट’

नूरपुर बस हादसा.

नूरपुर बस हादसा.

कांग़ड़ा के नुरपूर में इसी साल 9 अप्रैल को एक निजी स्कूल की बस हादसे का शिकार हो गई थी. इसमें 24 मासूमों समेत 28 लोगों ...अधिक पढ़ें

    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में हुए नूरपुर स्कूल बस हादसे में प्रभावित परिवारों को अभी तक सरकार और प्रशासन इंसाफ नहीं दे पाया है. इसके चलते अब पीड़ित परिजनों को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है.

    भारतीय सेना में बतौर जवान बिक्रम सिंह ने भी इस हादसे में अपनी इकलौती बेटी खो दी है. धर्मशाला पहुंचे बिक्रम ने अपने दर्द को साझा करते हुए कहा कि पांच महीने बीत गए, लेकिन पुलिस अभी तक चार्जशीट पेश नहीं कर पाई है.

    इतना ही नहीं इस हादसे के गुनहगारों को बचाने के लिए कई प्रयास भी हो रहे हैं. बिक्रम ने बताया कि बेटी के जाने के बाद उनके घर में अब सिवाय पत्नी के अब कोई नहीं बचा है. ऐसे में उनका इस समाज से जी उठ चुका है. अब वो ऐसे परिवारों और प्रदेश की लचर प्रणाली के खिलाफ संघर्ष करने का मन बना चुके हैं, जो ऐसी घटनाओं का शिकार होते हैं.

    उन्होंने कहा कि इस हादसे में उनकी इकलौती बेटी ही नहीं गई, बल्कि उनके भाई का इकलौते बेटे समेत कई परिवारों के चिराग बुझ गए हैं., लेकिन अब सरकार और इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन महज खानापूर्ति और लेटलतीफी कर रहा है, जो कि कतई सहन नहीं हैं. बिक्रम के मुताबिक, उन्होंने इस मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की है, जिसके लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को खत लिखा.

    अब चार महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक कहीं से कोई मदद की उम्मीद नजर नहीं आ रही. उन्होंने कहा कि वो तमाम परिजनों को लेकर आखिरी बार सरकार से इंसाफ की मांग करेंगे.

    बता दें कि कांग़ड़ा के नुरपूर में इसी साल 9 अप्रैल को एक निजी स्कूल की बस हादसे का शिकार हो गई थी. इसमें 24 मासूमों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी. बस हादसे में कई परिवानों के इकलौते चिराग बुझ गए थे.

    Tags: Himachal pradesh

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