जयपुर नगर निगम आयुक्त दस हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब
जयपुर नगर निगम द्वारा सामुदायिक केन्द्रों के मालिकाना हक के मामलों पर जवाब नहीं देने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने कड़ी न ...अधिक पढ़ें
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जयपुर नगर निगम द्वारा सामुदायिक केन्द्रों के मालिकाना हक के मामलों पर जवाब नहीं देने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. आयोग में साल 2012 से लंबित चल रहे इस मामले में निगम आयुक्त को दस हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब किया है. इसके लिए पुलिस कमीश्नर को नोटिस तामील करवाना होगा.
परिवादी आरपी मीणा ने जयपुर स्थित अपने निवास के नजदीक पानी के बहाव से त्रस्त होकर आयोग को शिकायत दी थी। आरपी मीणा खुद भी त्रिपुरा मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं और पूर्व आईएएस हैं. आयोग द्वारा मामले पर कई बार नोटिस जारी करने और व्यक्तिगत तलब करने पर भी निगम का इस मामले पर लापरवाहीपूर्ण का रवैया रहा. ऐसे में अब आयोग अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश टाटिया ने अपने आदेश में कड़ी टिप्पणी करते हुए निगम की कार्यशैली पर भी प्रश्न खड़े किए हैं. इस मामले के साथ आयोग ने सभी मामलों की कार्रवाई के संबंध में निगम आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त को 20 जून को दोपहर तीन बजे जमानती वारंट पर तलब किया है. आयोग अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश टाटिया ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि नगर निगम अपनी निष्क्रियता और अकर्मण्यता से ऊपर नहीं उठ रहा है.
उल्लेखनीय है कि निगम की कार्यशैली को लेकर आयोग पूर्व में भी कई बार तल्ख टिप्पणियां कर चुका है. इसके बावजूद निगम की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है.
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