haryana
  • text

PRESENTS

sponser-logo
4 भाई बने कलयुग के 'श्रवण कुमार', मां-बाप को कावड़ में बैठा कर करवाई हरिद्वार की यात्रा
FOLLOW US
TEXT SIZE
SmallMediumLarge
SHARE
हिंदी समाचार / न्यूज / हरियाणा / 4 भाई बने कलयुग के 'श्रवण कुमार', मां-बाप को कावड़ में बैठा कर करवाई हरिद्वार की यात्रा

4 भाई बने कलयुग के 'श्रवण कुमार', मां-बाप को कावड़ में बैठा कर करवाई हरिद्वार की यात्रा

मां-बाप को कावड़ में बैठा ले जाते 4 भाई
मां-बाप को कावड़ में बैठा ले जाते 4 भाई

चारों भाइयों ने अपने माता-पिता को कंधों पर बिठाकर ऋषिकेश, नीलकंठ, हरिद्वार और हरकी पौड़ी जैसे तीर्थ स्थानों के दर्शन और ...अधिक पढ़ें

    लोगों में माता-पिता के प्रति आदरभाव जगाने के लिए आज के युग में भी कुछ श्रवण कुमार जिंदा हैं. इसका जीता जागता उदाहरण पलवल जिले के गांव फुलवारी निवासी चार भाई हैं, जो अपने माता-पिता को इसलिए अपने कांधों पर हरिद्वार से गंगा स्नान कराकर लाये है ताकि उन्हें देखकर लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने माता-पिता को न भूलें और उनकी सेवा कर उन्हें उचित सम्मान दें. इसी के साथ उन्होंने अपने माता-पिता को गंगा स्नान कराकर दूसरी बार उनकी इच्छा पूरी की है.

    हालांकि श्रवण बने इन भाइयों के माता-पिता हरिद्वार तक आने-जाने में असमर्थ नहीं हैं और खूब-चल फिर भी सकते हैं. लेकिन इन चारों भाइयों में अपने माता-पिता के लिए इतना प्यार और सम्मान है, जो आज के युग में दिखाई नहीं देता. जहां आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने मां-बाप को नजर अंदाज करते जा रहे हैं, जिसमें कई बार तो ऐसे मामले सामने आते है जिनमें लोग अपने माता-पिता को दरकिनार तक कर देते हैं.

    गंगा के तेज बहाव में बहे तीन युवक, कावड़ लेने गए थे हरिद्वार

    ऐसे में इन चारों भाइयों ने अपने माता-पिता को कंधों पर बिठाकर ऋषिकेश, नीलकंठ, हरिद्वार और हरकी पौड़ी जैसे तीर्थ स्थानों के दर्शन और गंगा स्नान कराकर पलवल जिले के अपने गांव फुलवारी लौटकर यह साबित किया है कि आज के युग में भी श्रवण कुमार जिंदा हैं. फुलवाड़ी गांव निवासी चंद्रपाल के चार बेटों ने अपने माता पिता कि यह इच्छा दूसरी बार पूरी की है.

    कावड़ शिविर के बाहर लगी दो बाइक चुरा ले गए चोर, वारदात सीसीटीवी में कैद

    इन चार श्रवण कुमारों की माता रूपबती और मौसी का कहना हैं कि सब बहनों को उनके बेटे जैसे ही बेटे मिलें. सबका भला हो सभी अपने माता-पिता की सेवा करें और भगवान की ऐसे बेटों पर कृपा बनी रहे. जैसै कंधों पर बिठाकर हमें तीर्थों के दर्शन कराएं हैं, सबके बेटे भी ऐसे ही अपने माता पिता को तीर्थ स्थलों के दर्शन कराकर लाएं.

    Tags: Palwal