इस वजह से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की CBI से जांच करवाना चाहते हैं आदित्य वर्मा
आदित्य वर्मा ने राज्य सरकार से इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की.
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क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने शुक्रवार को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के पदाधिकारियों पर जालसाजी करने का आरोप लगाया और बिहार सरकार से जालसाजी बंद कराने का अनुरोध किया. वर्मा के साथ बीसीए मीडिया समिति के पूर्व चेयरमैन और अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र व अधिवक्ता चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि बीसीए अपने कारनामों से राज्य की मर्यादा गिरा रही है. इन लोगों ने राज्य सरकार से बीसीए के पदाधिकारियों की जालसाजी बंद करवाने और बिहार के क्रिकेटरों को न्याय दिलाने की मांग की.
मिश्र ने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नियम को ताक पर रखते हुए, बिना कारण बताओ नोटिस के उन्हें मीडिया समिति के चेयरमैन पद से हटाने का आदेश रात में जारी कर दिया.
उन्होंने कहा कि इसी तरह बिहार के उभरते हुए क्रिकेटर लखन राजा को बिना किसी काराण बताओ नोटिस के दो वर्षों के लिए निलंबित कर इन लोगों ने अपनी हिटलरशाही का परिचय दिया है.
बिहार क्रिकेट के विकास के मिले 50 लाख रुपये डकारने वाले अब तुम नीचता पर उतर कर खिलाड़ी को निलम्बीत कर डराना चाह रहे हो ।लखन राजा को निलंबित कर तुम मेरा मुख बंद नही कर सकते हो @RJohri @BCCI @NitishKumar @narendramodi @SushilModi @AnangBabloo @SurinderKhanna3
— aditya prakash verma (@adityaprakashcb) August 24, 2018
वहीं, आदित्य वर्मा ने कहा कि इन बीसीए के माफियाओं को बिहार के होनहार क्रिकेट खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट संघ निबंधन संख्या-421/2001-02 का निबंधन बिहार सरकार के निबंधन महानिरीक्षक के द्वारा 12 दिसंबर, 2008 के आदेश से रद्द किया जा चुका है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीए के ये तथाकथित पदाधिकारी कई तथ्यों को छिपाकर आजतक अपने आपको निबंधित संस्था बताते रहे और राज्य सरकार को एमओयू के नाम पर तथा बीसीसीआई को निबंधित संस्था के नाम पर धोखा देते रहे. ये लोग क्रिकेट के नाम पर पैसे उगाही की दुकान चला रहे हैं.
वर्मा ने राज्य सरकार से इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की.
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