कर्नाटक चुनावः बेंगलुरु में बीजेपी-कांग्रेस की सीक्रेट डील!
बेंगलुरु शहर में 28 विधानसभा सीटें हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 12, बीजेपी को 13 और जेडीएस को 3 विधानसभा सीटों पर ज ...अधिक पढ़ें
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पेशे से ऑटो चालक जयकुमार मध्य बेंगलुरु की शांतिनगर विधानसभा सीट के वोटर हैं. उनका दावा है कि कांग्रेस विधायक एनए हैरिस के बेटे की कथित 'गुंडागर्दी' का इस चुनाव पर और उनके जीतने की संभावना पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
न्यूज 18 से बातचीत में उन्होंने कहा, 'ये सच है कि यूबी सिटी में जब यह घटना हुई तब इसका बड़ा मुद्दा बना था. सबको पता है कि विधायक का बेटा अच्छा नहीं है. वह जेल में है. अपने बेटे को छूट देने की काफी कीमत विधायक पहले ही चुका चुके हैं. मुझे लगता है कि कई लोग अब भी उन्हें वोट करेंगे.'
इस क्षेत्र के कई अन्य लोगों का भी यही सोचना है. रिचमंड टाउन के रहने वाले कुमार ने कहा कि बीजेपी ने हैरिस के सामने एक कमजोर उम्मीदवार को खड़ा किया है. इस वजह से नेगेटिव इमेज के बावजूद वह चुनाव जीत सकते हैं. (पढ़ेंः क्या 'नमो एप' से कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को मिलेगा फायदा?)
विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी हैरिस के बेटे की हरकतों को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है लेकिन अब तक इसमें उसे सफलता नहीं मिली है. बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने एक सप्ताह पहले शांतिनगर में रैली की थी और हैरिस पर जमकर हमला बोला था. लेकिन जनता ने इस पर काफी ठंडा रिस्पॉन्स दिया था.
बेंगलुरु की ज्यादातर सीटों पर ऐसी ही स्थिति है. जमीनी रिपोर्ट्स की मानें तो ज्यादातर बड़े नेता इस बार अपनी सीट दोबारा हासिल करने में सफल होंगे. बेंगलुरु शहर में 28 विधानसभा सीटें हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 12, बीजेपी को 13 और जेडीएस को 3 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कर्नाटक शहर की राजनीति के दिग्गज कहे जाने वाले कई नेता इस बार चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस से केजे जॉर्ज, रोशन बेग, दिनेश गुंडुराव, जमीर अहमद खान, आरवी देवराज, एम कृष्णप्पा, आर रामालिंगारेड्डी, कृष्णा बायरगौड़ा; बीजेपी के सुरेश कुमार, कट्टा सुब्रमण्य नायडू, आर अशोक, अरविंद लिम्बावली और जेडीएस के गोपालैया चुनाव लड़ रहे हैं.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ये सभी नेता चुनाव को लेकर बहुत अधिक चिंतित नहीं हैं और सब इस बार भी उनके चुनाव जीतने की पूरी उम्मीद है. एक महीने पहले तक बीजेपी कह रही थी कि वह बेंगलुरु के लिए अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है और उम्मीदवारों की सूची में चौंकाने वाले बदलाव करने जा रही है. लेकिन फाइन लिस्ट में उन्हीं पुराने नामों को शामिल किया गया. जो नए नाम बीजेपी ने शामिल किए वे उतने मजबूत उम्मीदवार नहीं हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने उन दो उम्मीदवारों को टिकट दी है जो जेडी-एस से पार्टी में शामिल हुए हैं. उन्हें उम्मीद है कि वे चुनाव जीत जाएंगे.
बीजेपी के दिग्गज और पूर्व मंत्री एस सुरेश कुमार के सामने इस बार एक बेहद मजबूत उम्मीदवार हैं. बेंगलुरु की पूर्व मेयर पद्मावती राजाजीनगर से उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. वह 2008 में उनसे 10 हजार वोटों से हारी थीं. जमीन घोटाले में जेल जा चुके पूर्व मंत्री कट्टा सुब्रमण्य नायडू को इस बार बीजेपी ने शिवाजीनगर से रोशन बेग के खिलाफ टिकट दिया है. इस सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि बेग अपनी सातवीं जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं. न्यूज 18 से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैंने अपने क्षेत्र में बहुत काम किया है. सभी जातियों और धर्मों के लोग मुझे वोट करते हैं. यहां कोई मुकाबला नहीं है.”
पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अरविंद लिम्बावली को महादेवपुरा सीट पर कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर लिम्बावली दो बार जीत चुके हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह तीसरी बार इस सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे.
बीजेपी और कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं का मानना है कि दोनों पार्टियों के बीच एक 'अंडरस्टैंडिंग' बनी हुई है, जिसके चलते आमतौर पर दो मजबूत उम्मीदवारों को आमने-सामने खड़ा नहीं करते हैं.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अपनी पार्टी के विधायकों को कांग्रेस से 'डील' को लेकर चेतावनी दे चुके हैं. जयानगर के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा, 'हमारे विधायक पीएम मोदी और अमित शाह से काफी डरते हैं. इस बार शायद वे अपने कांग्रेसी साथियों की मदद न करें.'
बीजीपी को इस बात की भी चिंता है कि बेंगलुरु में वोटर मतदान केंद्र तक आएंगे ही नहीं. पिछले 20 सालों में बेंगलुरु में वोटर टर्नाआउट 20 प्रतिशत से कम रहा है. मतदान शनिवार को है ऐसे में नेताओं को डर है कि वोटर पर्सेंट इस बार भी कम रहेगा. बेंगलुरु में करीब 90 लाख वोटर हैं और 2013 विधानसभा चुनाव से अब तक वोटरों की संख्या में करीब 20 लाख का इजाफा हुआ है.
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