भूषण स्टील देश में इनसॉल्वेंसी कोड के तहत बिकने वाली पहली कंपनी बन गई है. टाटा स्टील ने इसका अधिग्रहण किया है. इस अधिग्रहण के बाद अब देश के कई बैंकों की बड़ी डूबी हुई रकम वापस मिल जाएगी. वित्त मंत्रालय भी इस डील से बेहद खुश है और उसको लगता है कि 11 बड़ी कर्ज में डूबी हुई कंपनियों को फिर से पटरी पर लाने के लिए और उनसे कर्ज की रिकवरी करने के लिए इनसॉल्वेंसी कोड पर तेजी से काम किया जा सकता है. ऐसा करने पर बैंकों को 1 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक,बचे हुए 11 एनपीए के मामले भी कतार में हैं. दीवालिया (IBC) के प्रस्ताव के बाद मिलने वाला धन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर बोझ कम करने का काम करेगा.
आपको बता दें कि पिछले साल जून में आरबीआई की आंतरिक सलाहकार समिति ने 12 अकाउंट्स की पहचान की थी जिनपर 5,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और बैंकों के कुल NPA में उनकी हिस्सेदारी 25 फीसदी है.
'बैंकिंग सिस्टम को क्लीन करने की दिशा में बड़ी सफलता'
इस अधिग्रहण के ऐलान के बाद फाइनेंशियल सर्विसेस सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा कि इस डील से इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी लॉ की सफलता जाहिर होती है, जिससे बैंकिंग सिस्टम को साफ करने में और लेंडर्स की प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह डील लगभग 36,400 करोड़ रुपए में हुई है. यह धनराशि सीधे तो पर लेंडर्स के पास जाएगी. उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि बैंकों को इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत भूषण स्टील की बिक्री से 36,400 करोड़ रुपए मिलेंगे. बैंकों को पटरी पर आने में मदद मिलेगी. इसके परिणामस्वरूप देश में क्रेडिट कल्चर में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा.
आपको बता दें कि एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूषण स्टील की डील से बैंकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और 735 करोड़ का फायदा हो सकता है. कंपनी का वैलुएशन बढ़ने से इसका 12 प्रतिशत लाभ पीएनबी समेत बड़े कर्जदाताओं को मिल सकता है. वहीं, बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि भूष्ण स्टील के अधिग्रहण से उसे 1993 करोड़ का लाभ हो सकता है.
बैंकों को 1 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद
भूषण स्टील की डील के बाद वित्त मंत्रालय की उम्मीदें काफी बढ़ गई है. मंत्रालय को उम्मीद है की 12 डूबले कर्ज वाले मामलों को इस तरह से निपटाया जा सकता है. ऐसे में बैंकों को करीब एक लाख रुपये वापस मिलने की उम्मीद. आपको बता दें कि आरबीआई ने 11 ऐसे कंपनियों की लिस्ट बनाई है. जिन पर सबसे ज्यादा कर्ज और उन्हें इनसॉल्वेंसी कोड में रखा गया है.
इन कंपनियों पर सबसे ज्यादा है कर्ज
आरबीआई के निर्देशों के बाद बैंकों ने 12 अकाउंट्स की जानकारी दी जिनका बकाया कर्ज 1.75 लाख करोड़ है. इनमें भूषण स्टील लिमिटेड, भूषण पावर ऐंड स्टील लिमिटेड, जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड, लैंको इन्फ्राटेक, मोनेट इस्पात ऐंड इनर्जी लिमिटेड, ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड, ऐमटेक ऑटो लिमिटेड, एरा इन्फ्रा इंजिनियरिंग लिमिटेड, आलोक इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड शामिल हैं.
पिछले हफ्ते हुई थी ये पहली डील
टाटा स्टील ने 35,200 करोड़ रुपए के कर्ज के सेटलमेंट के साथ औपचारिक तौर पर भूषण स्टील का अधिग्रहण कर लिया है.च अब कंपनी का भूषण स्टील की 72.65 फीसदी हिस्सेदारी पर कंट्रोल होगा. इस सौदे के साथ भूषण स्टील इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी प्रॉसेस से सफलतापूर्वक गुजरने वाली पहली कंपनी बन गई है. भूषण स्टील पर कुल 56,000 करोड़ रुपए का कर्ज है और वह उन 12 फर्म्स में शामिल है, जिनका मामला स्ट्रेस्ड एसेट्स को लेकर आरबीआई ने एनसीएलटी के पास भेजा है. टाटा स्टील ने अपनी सहायक कंपनी बामनीपाल स्टील लिमिटेड (बीएनपीएल) के माध्यम से यह अधिग्रहण किया है.
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