कौन हैं IAS से इस्तीफा देने वाले ओपी चौधरी?
ओपी चौधरी को मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी काफी करीबी माना जाता है. इसलिए चर्चा है कि बीजेपी इन्हें खरसिया सीट से टिकट दे ...अधिक पढ़ें
- News18 Chhattisgarh
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रायपुर के कलेक्टर ओपी चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 2005 बैच के आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी के बारे में खबर है कि वह सियासत में कदम रखने वाले हैं. सूत्रों का कहना है कि ओपी चौधरी जल्द ही बीजेपी ज्वॉइन कर सकते हैं. ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भाजपा प्रत्याशी के रूप में रायगढ़ जिले के खरसिया से कांग्रेस विधायक उमेश पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं.
ओपी चौधरी ने अपने इस्तीफे का ऐलान सोशल मीडिया के जरिये भी किया. उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि
बायंग गांव की गलियों से निकलकर रायपुर के कलेक्टर बनने तक के मेरे 13 साल के सफर में जिंदगी ने मुझे अनेकों चुनौतीपूर्ण अवसर दिए. इस सफर में हजारों लोगों ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मेरा साथ दिया, उन्हें शुक्रिया अदा करने के लिए हिन्दी शब्दावली का कोई भी शब्द कम पड़ेगा. मैं अब अपनी माटी और अपने लोगों की बेहतरी के लिए अपना पूरा समय देना चाहता हूं. इसलिए मैंने IAS से इस्तीफा दे दिया है. जय-हिंद, जय-छत्तीसगढ़...
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वैसे आपको बता दें कि ओपी चौधरी, छत्तीसगढ़ की काफी जानी-मानी सख्शियत हैं. दंतेवाड़ा कलेक्टर के पद पर रहते हुए इन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को विज्ञान की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया. साथ ही इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग की सुविधा के साथ आवासीय स्कूल की शुरुआत की. चौधरी ने गीदम ब्लॉक में स्थित एक छोटे से गांव, जावंगा को 2011 में शिक्षा के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया. चौधरी ने जिले में लाइवलीहुड कॉलेज की भी शुरुआत की, जिसे बाद में पूरे राज्य में लागू किया गया. 2011-12 में बेहतर काम के लिए उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा एक्सीलेंस अवार्ड से भी नवाज़ा गया था.
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महज़ 22 साल की उम्र में आईएएस बने ओपी चौधरी का जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा. महज़ 8 साल की उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. पिता के निधन के बाद, पांचवीं पास मां ने बेटे को बेहतर शिक्षा दिलाकर बड़ा अधिकारी बनाने की ठानी और ओपी ने अपनी मेहनत और लगन से मां का सपना पूरा करके दिखाया.
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ओपी चौधरी को मुख्यमंत्री रमन सिंह का भी काफी करीबी माना जाता है. इसलिए चर्चा है कि बीजेपी इन्हें खरसिया सीट से टिकट दे सकती है. खरसिया को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. फिलहाल खरसिया सीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल विधायक के रूप में काबिज़ है.
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Tags: BJP, Raipur news
FIRST PUBLISHED : August 25, 2018, 22:33 IST