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मणिशंकर अय्यर की कांग्रेस में वापसी के पीछे की कहानी

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मणिशंकर अय्यर की कांग्रेस में वापसी के पीछे की कहानी

कांग्रेस के भीतर भी कई ऐसे नेता हैं जो मणिशंकर के बड़बोलेपन को पसंद नहीं करते. यही वजह है कि गांधी परिवार से नजदीकी के ...अधिक पढ़ें

    अपने बयानों से विवाद में रहने वाले मणिशंकर अय्यर की फिर से कांग्रेस में वापसी हो गई है. कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति की सिफारिश के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनके निलंबन के फैसले को वापस ले लिया. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान मणिशंकर अय्यर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान के बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. यह पहला मौका नहीं है जब अय्यर के बयान ने पार्टी को राजनीतिक फायदे की बजाय नुकसान पहुंचाया है. लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनके चाय बेचने वाले बयान ने बीजेपी को कांग्रेस को घेरने का एक बड़ा मौका दिया था.

    कांग्रेस के भीतर भी कई ऐसे नेता हैं जो मणिशंकर के बड़बोलेपन को पसंद नहीं करते. यही वजह है कि गांधी परिवार से नजदीकी के बावजूद उनको पार्टी से निलंबित होना पड़ा. हालांकि महज आठ महीने के भीतर ही राहुल गांधी ने पार्टी में मणिशंकर अय्यर की वापसी करवा दी. अय्यर की वापसी को बीजेपी रणनीतिक प्लान बता रही है. पार्टी का आरोप है गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने महज दिखावे के लिए मणिशंकर को पार्टी से निलंबित किया था.

    पार्टी में वापसी के बाद मणिशंकर अय्यर ने कहा कि वह पार्टी में वापस आकर खुश हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि आने वाले वक्त में उन्हें कोई पद देगी. अगर मणिशंकर अय्यर के निलंबन के फैसले को वापस लेने के कारणों पर नजर डालें तो सबसे बड़ा कारण उनके गांधी परिवार का करीबी होना है. अय्यर राजीव गांधी के करीबी माने जाते थे. साथ ही वह गांधी परिवार के वफादार के रुप के रूप में भी उनकी पहचान है.

    माना जा रहा है कि सोनिया गांधी के कहने पर राहुल गांधी ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष अय्यर के निलंबन के फैसले को रद्द किया है. साथ ही औपचारिकता पूरी करने के लिए वो कांग्रेस के अनुशासनात्मक समिति के सामने पेश हुए थे.

    उन्होंने अपनी तरफ से समिति को सफाई भी दी जिसके बाद समिति के अनुशंसा पर राहुल गांधी ने फैसला लिया. जानकार मानते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मणिशंकर अय्यर को वापस पार्टी में लाने का एक और भी मकसद है.इकई ऐसे मुद्दे हैं जिस पर पार्टी खुलकर नहीं बोलती. ऐसे में अय्यर सरीखे नेता अपने निजी बयान के जरिए ही कई बार मुद्दे बनाते हैं.

    पाकिस्तान, कश्मीर, विदेश नीति, पंचायती राज ऐसे कई मुद्दे हैं जिस पर मणिशंकर अय्यर काफी सालों से काम कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी को लगता है कि लोकसभा के चुनाव में उनकी उपयोगिता हो सकती है.

    Tags: Congress, General Election 2019, Mani Shankar Aiyar, Rahul gandhi