himachal-pradesh
  • text

PRESENTS

sponser-logo

सड़क व पुल के लिए सालों से तरस रहा है वादियों में बसा यह गांव

FOLLOW US
TEXT SIZE
SmallMediumLarge
SHARE
होम / न्यूज / हिमाचल प्रदेश / सड़क व पुल के लिए सालों से तरस रहा है वादियों में बसा यह गांव

सड़क व पुल के लिए सालों से तरस रहा है वादियों में बसा यह गांव

केलांग का यंगला गांव
केलांग का यंगला गांव

केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से यह गांव आज तक वंचित रहा है. करीब तीन सौ की आबादी वाला यंगला गांव चंद्रा नदी ...अधिक पढ़ें

    केलांग का यंगला गांव में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोगों का जीना मुहाल हो गया है. कई सालों से गांव में सड़क व पक्के पुल बनाने के लिए ग्रामीण प्रयासरत हैं, लेकिन आज तक गांव को ना तो सड़क नसीब हुई और ना ही पक्का पुल. केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से यह गांव आज तक वंचित रहा है. करीब तीन सौ की आबादी वाला यंगला गांव चंद्रा नदी के किनारे स्थित है. ग्रामीणों को करीब पांच किलोमीटर की सीधी चढ़ाई चढ़ने के बाद मुख्य सड़क मिलती है.

    देश व प्रदेश की सरकारों का इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर ध्यान होने के बाद भी केलांग का यंगला गांव इन सुविधाओं से वंचित है. देश के हर गांव व ढाणी में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं विकसित हो गई है, लेकिन यंगला तक पहुंचने में इन्हें वक्त लगेगा. यंगला गांव के लिए सड़क व पक्के पुल की बात आती है तो फाइले दफ्तरों में ही उलझ कर रह जाती है. इस गांव के लोगों को अपने जरूरत का सभी सामान, निर्माण कार्य की सामग्री और फसल को भी मुख्य मार्ग तक पहुंचाने के लिए खच्चर व घोड़ो का इस्तेमाल करना पड़ता है. गांव में स्थिति तब और खराब हो जाती है जब कोई बीमार पड़ जाता है. ऐसे हालात में ग्रामीण ही उसे पीठ पर लादकर मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं.

    वर्तमान में यंगला गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए चंद्रा नदी पर एकमात्र लकड़ी का पुल है, जो भी जर्जर स्थिति में हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब चुनाव का समय आता है तो तमाम दलों के नेता व कार्यकर्ता यंगला गांव में आते हैं और सत्ता मिलने पर सड़क और पुल बनाने का दावा करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद इन नेताओं तक किसी की पहुंच ही नहीं रहती. ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की ग्रामीण विकास को लेकर कई योजनाएं संचालित हैं, लेकिन इस गांव तक कोई भी योजना नहीं पहुंच पाती. ऐसे में ग्रामीण खुद को अभागा मानते हैं.

    Tags: Himachal pradesh news