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दो दशक बाद कांग्रेस में बड़ा बदलाव, खेमे गायब पार्टी पहले
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दो दशक बाद कांग्रेस में बड़ा बदलाव, खेमे गायब पार्टी पहले

रोड शो के दौरान कमलनाथ और सिंधिया
रोड शो के दौरान कमलनाथ और सिंधिया

अब कमलनाथ ही कांग्रेस का चेहरा है और ज्योतिरादित्य चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष. दिग्विजय वह गार्ड जो खतरा भांप ...अधिक पढ़ें

    पिछले दो दशक बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में यह बड़ा बदलाव है. जहां खेमे गायब हो रहे हैं और सिर्फ कांग्रेस दिखाई देने लगी है. वह कांग्रेस जिसकी तलाश पिछले तीन चुनावों से थी. प्रदेश अध्यक्ष के बतौर कद्दावर नेता कमलनाथ की ताजपोशी कांग्रेस की बदलती तस्वीर को बयां करने लगी है. चिलचिलाती धूप में भोपाल की सड़कों पर उतरा कार्यकर्ताओं का ऐसा उत्साह मुद्दतो बाद देखा गया. जो आम तौर पर किराए की भीड़ में नहीं दिखाई देता. 19 किमी की सड़क पर रैली की शक्ल में चला यह शक्ति प्रदर्शन साढ़े छह घंटे तक चला.

    कमलनाथ सिंधिया शो स्टॉपर
    निसंदेह रथ पर सवार कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया शो स्टॉपर बनकर उभरे तो दिग्विजय सिंह सबसे पीछे खुद को धकाते हुए नजर आए. अब प्रदेश कांग्रेस में यही समीकरण है. ऐसा भरसक संदेश कार्यकर्ताओं को देने का प्रयास भी किया गया. हालांकि जगह जगह रैली में कमलनाथ दिग्विजयसिंह को आगे आने के लिए पुकारते रहे. लेकिन दिग्वजसिंह यह कहकर पीछे रहे कि ट्रेन के जो इंजीन हैं, उन्हें आगे रहने दो हम तो डिब्बे हैं. इस पर एक पूर्व मंत्री ने टिप्पणी की कि डिब्बों के बिना ट्रेन कैसे बनेगी. इस पर उन्होने कहा मैं तो गार्ड वाला डिब्बा हूं सबसे आखिर में रहूंगा.

    दिग्विजय वह गार्ड जो खतरा भांप रहे
    कुल मिलाकर यह छोटा सा वाक्या वर्तमान कांग्रेस की हकीकत को बयां कर रहा है. अब कमलनाथ ही कांग्रेस का चेहरा है और ज्योतिरादित्य चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष. दिग्विजय वह गार्ड जो खतरा भांप कर कांग्रेस की ट्रेन को निर्देश दे रहे है.

    इस तरह माने अरूण यादव
    सूत्रों का कहना है कि यह तीनों ही नेता बेहतरीन तालमेल के साथ अपने अपने रोल में आ गए हैं. जिसका असर आम कार्यकर्ताओं पर हो रहा है. इसका ताजा उदाहरण प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव का है. हटाए जाने से नाराज यादव रैली से गायब रहे. वे आमसभा के मंच पर आने को तैयार नहीं थे. उन्हें बंद कमरे में दिग्विजयसिंह ने मानाया और वे पांच मिनिट में ही मैदान पर आ गए. हालांकि उनका दर्द तो फिर भी छलक उठा जब उन्होंने अपने भाषण में कहा कि – किसान का बेटा हूं फसल लगाना जानता हूं, जिसे अब वरिष्ठ नेता काटेंगे.

    कमलनाथ का रौब
    कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरे प्रदेश में खेमे में बंटे नेताओं के बीच अपने आका से ज्यादा प्रदेश अध्यक्ष का खौफ भी मंडराने लगा है. कमलाथ को गांधी परिवार का नुमाइंदा मानकर सभी नेता सूत सावल में आ रहे हैं. वे उदाहरण देते हैं कि बुधवार की रात को एक छोटे से नोटिस पर विधायकों की बैठक भोपाल हुई. जिसमे 52 में से चार विधायक गैर मौजूद रहे. लेकिन उन्होंने बाकायदा इसकी लिखित सूचना प्रदेश अध्यक्ष को दी. इसके पहले कभी ऐसा नहीं हुआ. अध्यक्ष बुलाते रहते थे, विधायक अपने आका को बड़ा नेता मानकर अध्यक्ष की उपेक्षा करते रहते थे.

    सूत्रों का कहना है कि इस पहली बैठक में ही कमलनाथ ने अपने तेवर और अनुशासन से जता दिया है कि उन्हें कामचलाऊ ढर्रा पसंद नहीं है. बैठक में देर से पहुंचे अपने खास विधायकों को जहां उन्होंने सबके सामने डपट दिया वहीं कई विधायकों को चेतावनी भी दे दी कि वे इस मुगालते में न रहे कि उन्हें आसानी से फिर से टिकट मिलने वाला है. अपने क्षेत्र में काम करें. भोपाल के चक्कर कम काटे. पार्टी अध्य्क्ष राहुल गांधी सर्वे करवा रहे हैं, और वे स्वयं भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. एक विधायक का कहना है कि ऐसी स्पष्ट और दो टूक बात पहले किसी अध्यक्ष के कहने की तो हिम्मत ही नहीं होती थी.

    आका के साथ ही अध्यक्ष को साधना जरूरी
    प्रदेश कांग्रेस का कार्यालय देखने वाले एक नेता का कहना है कि कमलनाथ के आते ही अब जिले और ब्लॉक के नेता संपर्क करने लगे हैं. वे जानना चाहते हैं कि उनके लिए क्या निर्देश हैं. पहले जिले हो या ब्लॉक सब अपनी गति में चल रहे थे. एक बड़े कद के नेता की मौजूदगी ने कांग्रेस के माहौल को बदला है. दरअसल अब हर नेता को मेहसूस होने लगा है कि उसे टिकट चाहिए तो उसका नेता कोई भी हो उसे कमलनाथ की गुडबुक में रहना जरूरी है.

    सिंधिया ने कहा सब काम पर लगों
    सूत्रों का कहना है कि तमाम इन खबरों के बीच की सिंधिया सीएम प्रोजेक्ट नहीं होने से नाराज हैं – उन्होंने अपने तमाम समर्थकों को मैसेज दे दिया है कि वे कांग्रेस के लिए एक होकर काम पर लग जाए. सबसे पहला काम कांग्रेस को जीताने का है. वे जल्द ही प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष के बतौर प्रदेश भऱ में अपने दौरे शुरू कर रहे हैं.

    दिग्विजयसिंह की यात्रा का रूट तय
    कमलनाथ की ताजपोशी रैली के बीच ही कांग्रेस नेता दिग्विजयसिंह ने अपनी कांग्रेस मजबूती यात्रा का रूट मेप तैयार कर लिया है. दिवंगत नेता गुफराने आजम के घर पर वरिष्ठ नेता महेश जोशी तथा रामेश्वर नीखरा साथ उन्होंने बैठक की. 18 मई के बाद वे अपने यात्रा ओरछा रामराजा मंदिर से शुरू करेंगे. एक साथ दो से तीन जिले कवर करने वाली इस यात्रा में वे नर्मदा परिक्रमा से छूटे हुए इलाकों में जाएंगे. टीकमगढ, छतरपुर, पन्ना, रीवा, सीधी, सिंगरोली अनूपपूर को इसमें शुरूआत में रखा गया है. यात्रा में बीच में दो-तीन दिनों का ब्रेक भी होगा.

    Tags: Bhopal news, Congress, Digvijay singh, Madhya pradesh news, भोपाल, मध्य प्रदेश