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शैक्षणिक सत्र शुरू हुए बीते तीन माह, अब तक स्‍कूलों में नहीं पहुंची किताबें

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शैक्षणिक सत्र शुरू हुए बीते तीन माह, अब तक स्‍कूलों में नहीं पहुंची किताबें

बेसिक शिक्षा मंत्री
बेसिक शिक्षा मंत्री

सीएम योगी ने सख्त निर्देश दिए थे कि जुलाई के पहले सप्ताह में ही छात्रों के स्कूल बैग में किताबें होनी चाहिए. खुद बेसिक ...अधिक पढ़ें

    शैक्षणिक सत्र शुरु हुए तीन शुरू हुए तीन माह से ज्‍यादा बीत चुके हैं. चंद दिन  एक बार जुलाई में स्‍कूल फिर खुलने वाले हैं लेकिन फिर भी अभी तक परिषदीय स्‍कूलों में बच्‍चों को किताबे मुहैया नहीं हो पाई हैं. किताबें नहीं आने से हर साल की तरह इस बार भी बच्‍चों को भी किताबों के लिए तरसना पड़ेगा.

    दरअसल सीएम योगी ने सख्त निर्देश दिए थे कि जुलाई के पहले सप्ताह में ही छात्रों के स्कूल बैग में किताबें होनी चाहिए. खुद बेसिक शिक्षा निदेशक ने भी सभी बीएसए को यह निर्देश जारी कर दिए थे लेकिन बेसिक शिक्षा निदेशालय अपनी ही जिम्मेदारी समय से पूरी नहीं कर पाया है. विभागीय सूत्रों की मानें तो अभी तक मात्र 38 फीसदी के करीब ही किताबें छप पाई हैं. सबसे खराब हालात प्राइमरी कक्षाओं की किताबों की हैं.

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    अगर प्रदेश में कानपुर शहर की बात करें तो बीएसए कार्यालय के अनुसार अभी तक सिर्फ कक्षा 8 की किताबें ही पहुंची हैं,  जबकि कक्षा एक  से सात तक की किताबों का कुछ पता नहीं है. वहीं राजधानी लखनऊ में कक्षा चार से सात तक की किताबें अब तक नहीं पहुंची. ऐसे ही हालात प्रदेश के अन्य जिलों में भी हैं.

    बता दें कि  प्रदेश के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में डेढ़ करोड़ किताबें छात्रों छात्रों को बांटी जानी है.