कोटरोपी पहुंचे पूर्व मंत्री कौल सिंह, बोले-प्री-मानसून में पहाड़ी से छेड़छाड़ खतरनाक साबित हुई
स्थानीय लोग खौफ के साए में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल हाइवे के बंद होने से घटासनी-झटिंगरी-घोघरधार तथा पधर-नौहली- ...अधिक पढ़ें
- News18 Himachal Pradesh
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पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि यदि प्री मॉनसून में कोटरोपी की पहाड़ी से छेड़छाड़ न की गई होती तो शायद यहां इस वर्ष ऐसी स्थिति उत्पन्न न होती. यह बात उन्होंने बुधवार को कोटरोपी का दौरा करने के बाद कही.
उन्होंने कोटरोपी त्रासदी से प्रभावित रवा, कोटरोपी, बड़वाहन, रोपा और पंदलाही गांव के ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और घर निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली थी.
वहीं, घटनास्थल पर रेस्टोरेशन वर्क के लिए बजट उपायुक्त मंडी को दिया था. लेकिन दुर्भाग्य है कि एक साल का अरसा बीत जाने के बाद भी प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए गए हैं.
कुछ प्रभावित परिवार आज भी सरकारी आवास में एक कमरे में परिवार सहित ठहर रहे हैं, जबकि तीन परिवार सदस्य ज्यादा होने के कारण पधर में किराए के मकान लेकर गुजर बसर कर रहे हैं.
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्री मानसून में पहाड़ी के साथ की गई छेड़छाड़ खतरनाक साबित हुई है. इससे पंदलाही गांव खतरे की जद में आया है. इस साल बरसात में फिर गत वर्ष की तरह हालात पैदा हो गए हैं.
नेशनल हाईवे दो सप्ताह से ठप्प है. आम जनता परेशान हो रही है. जबकि पंदलाही गांव में घटनास्थल का मलबा जाने से पुल, घराट, सिंचाई कुहलें, पक्का रास्ता और उपजाऊ जमीन फिर बाढ़ की चपेट में आए हैं. जिससे ग्रामीणों को खासा नुकसान हुआ है.
स्थानीय लोग खौफ के साए में जी रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल हाइवे के बंद होने से घटासनी-झटिंगरी-घोघरधार तथा पधर-नौहली-जोगिन्दरनगर सड़क की हालत भी दयनीय हो गई है.
दोनों मार्ग कभी भी बंद हो सकते हैं. ऐसे में प्रशासन को एनएच को तुरंत प्रभाव से बहाल करने के कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि यह संपर्क मार्ग उन्होंने अपने कार्यकाल में बनवाए थे, जिसके चलते आज यातायात सही ढंग से चल पा रहा है.
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