सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ले. कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की उस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया जिसमें 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में उनका कथित अपहरण, गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखने और यातना देने के आरोपों की एसआईटी से जांच का अनुरोध किया गया था.
जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि पुरोहित की याचिका पर इस समय विचार करने से मालेगांव मामले में चल रहे मुकदमे की सुनवाई पर असर पड़ सकता है.
पीठ ने हालांकि पुरोहित को निचली अदालत में उनकी दलीलें रखने की छूट देते हुए कहा कि उनकी याचिका पर वह कोई राय नहीं दे रही है.
पीठ ने कहा, ‘हमें इस समय इसमें क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए. इससे सुनवाई पर असर पड़ सकता है.’
पुरोहित की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि इस याचिका में उठाये गये मुद्दों पर गौर करने की आवश्यकता है.
परंतु पीठ ने उनसे कहा कि इन्हें निचली अदालत के समक्ष उठाया जाए.
पुरोहित इस समय जमानत पर हैं. उन्हें पिछले साल शीर्ष अदालत ने जमानत दी थी.
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