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EPFO वेबसाइट से हैक हुआ 2.7 करोड़ लोगों का डेटा! रोकी गई CSC की सेवाएं

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EPFO वेबसाइट से हैक हुआ 2.7 करोड़ लोगों का डेटा! रोकी गई CSC की सेवाएं

इस वेबसाइट में सदस्यों के नाम-पते के अलावा उनकी नौकरियों का भी पूरा ब्योरा होता है.
इस वेबसाइट में सदस्यों के नाम-पते के अलावा उनकी नौकरियों का भी पूरा ब्योरा होता है.

सेंट्रल पीएफ कमिश्नर वीपी जॉय ने इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा था कि हैकर्स ने मंत् ...अधिक पढ़ें

    कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के वेबसाइट पर रजिस्टर्ड करीब 2.7 करोड़ मेंबर्स के पर्सनल और प्रोफेशनल डेटा चोरी होने की आशंका है. सेंट्रल पीएफ कमिश्नर वीपी जॉय ने इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा था कि हैकर्स ने मंत्रालय के तहत आने वाले साझा सेवा केंद्र (CSC) की तरफ से चलाई जाने वाली वेबसाइट aadhaar.epfoservices.com से लोगों का डेटा चुरा लिया है.

    एनडीटीवी ने जॉय की तरफ से CSC के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी को लिखी एक 'सीक्रेट चिट्ठी' के हवाले से बताया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने उन्हें खबर दी है कि EPFO की वेबसाइट को हैकर्स ने निशाना बनाया. इस वेबसाइट में सदस्यों के नाम-पते के अलावा उनकी नौकरियों का भी पूरा ब्योरा होता है.

    दरअसल हर नौकरीपेशा शख्स के पीएफ खाते में उसकी सैलरी का 12% हिस्सा जमा होता है. ऐसे में अंशधारकों की सैलरी डीटेल के साथ उनका बैंक डीटेल भी EPFO वेबसाइट के डेटाबेस में मौजूद होती है.

    हालांकि EPFO ने सरकारी वेबसाइट से किसी तरह की डेटा चोरी की आशंकाओं को खारिज किया, लेकिन ऑनलाइन सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के जरिये दी जाने वाली सेवाएं रोक दी हैं. EPFO का कहना है कि उसने सीएससी की 'संवेदनशीलता की जांच' लंबित रहने तक इन सेवाओं को रोका है.

    यह रिपोर्ट वायरल होने के बाद EPFO ने बयान जारी कर कहा, 'डेटा या सॉफ्टवेयर की संवेदनशीलता को लेकर चेतावनी एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है. इसी आधार पर CSC के जरिये प्रदान की जाने वाली सेवाओं को 22 मार्च, 2018 से रोक दिया गया है.'

    EPFO ने कहा कि डेटा लीक की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है. डेटा सुरक्षा और संरक्षण के लिए EPFO ने अग्रिम कार्रवाई करते हुए सर्वर को बंद कर दिया है. जांच पूरी होने तक सीएससी के जरिये सेवाएं प्रदान नहीं की जाएंगी.

    EPFO ने साथ ही कहा कि किसी तरह की चिंता की जरूरत नहीं है. डेटा लीक की किसी भी संभावना को रोकने के लिए हरसंभव उपाय किए गए हैं. भविष्य में इस बारे में सतर्कता बरती जाएगी.

    गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस साल मार्च में संसद को बताया था कि अप्रैल 2017 से लेकर जनवरी 2018 के बीच कुल 114 सरकारी वेबसाइट हैकर्स के निशाने पर रहे हैं. इसके बाद 6 अप्रैल को रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विधि मंत्रालय की वेबसाइट के हैक होने की खबरें भी सुर्खियों में थी. हालांकि सरकार ने हैकिंग की अटकलों को खारिज करते हुए इसे हार्डवेयर की समस्या बताया था. (भाषा इनपुट के साथ)

    Tags: Epfo