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चीन के अस्पतालों में इलाज करेंगे रोबोट डॉक्टर
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चीन के अस्पतालों में इलाज करेंगे रोबोट डॉक्टर

चीन के नजरिए से देखा जाए तो इससे उन्हें अरबों लोगों का तेजी से इलाज करने में मदद मिलेगी. जाहिर है कि इससे भारत को भी सब ...अधिक पढ़ें

    आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) अब हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है. और साथ ही अपनी स्पेशलिटी के चलते इंसान से ज्यादा काबिल साबित हो रहा है. जैसा कि हर इंडस्ट्री रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए काम को करवा रही हैं. ऐसे में सिर्फ मेडिकल क्षेत्र इससे लंबे समय से अछूता था लेकिन अब इस क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस अपना जादू बिखेरने के लिए तैयार है. चीन में जल्दी ही ऐसे अस्पताल बनने जा रहे हैं जिनमें AI मशीन के साथ रोबोट डॉक्टर होंगे जो मरीजों का खयाल रखेंगे.

    इस दिशा में चीन ने हाल ही में होंझोऊ शहर में एक एंबुलेंस टेस्ट की थी. यह एंबुलेंस ट्रेफिक के बीच से बड़ी आराम से निकल गई थी और इस तरह से यह एंबुलेंस ट्रेफिक में फंसे मरीजों के लिए बेहतरीन नजर आई थी. इस दौरान एंबुलेंस को एक AI सिस्टम और बिग डेटा से जोड़ा गया था जो सेंट्रलाइज्ड कंप्यूटर को जानकारी भेज रहा था. यह कंप्यूटर AI सिस्टम को शहर के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क बारे में जानकारी देता है. टेक कंपनी अली बाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड ने AI से चलने वाले प्रोजेक्ट की शुरुआत की है ताकि चीन में लोगों की सेहत का खयाल बेहतर अंदाज में रखा जा सके. AI से जुड़ी हुई एंबुलेंस की कामयाबी देखने के बाद जाहिर है कि जल्दी ही चीन अपने अस्पतालों में रोबोट डॉक्टर नियुक्त करेगा.

    एक ऐसी ही कामयाबी यूनाइटेड किंगडम के डॉक्टरों ने हासिल की है. यहां कि एक डिजिटल मेडिकल कंपनी बेबीलोन हेल्थ ने AI टूल का इस्तेमाल नए डॉक्टर्स के clinical diagnostic skills के दौरान दिए जाने वाले टेस्ट के लिए किया और इस टेस्ट में AI टूल ने अच्छे नंबर हासिल किए.

    इस कंपनी ने MRCGP परीक्षा में शामिल होने वालों के लिए कुछ चुने हुए सवाल तैयार किए हैं. यह फाइनल टेस्ट है जो स्टूडेंट को General Practitioner (GP) लाइसेंस पाने के लिए देना होता है. इस टूल ने इस दौरान 81 अंक हासिल किए वहीं पिछले 5 सालों में इंसान द्वारा हासिल किया गया औसतन स्कोर 72 फीसदी है. टेस्ट ने एक बात तो बता दी है कि इलाज को लेकर रोबोट हमेशा ही अपने समकक्ष इंसान से बेहतर रहेगा.

    चीन के नजरिए से देखा जाए तो इससे उन्हें अरबों लोगों का तेजी से इलाज करने में मदद मिलेगी. जाहिर है कि इससे भारत को भी सबक मिलेगा क्योंकि भारत जनसंख्या के हिसाब से चीन के बाद दूसरे नंबर पर है. महंगी हेल्थकेयर सर्विस के अलावा चीन ने हाल फिलहाल में कई सारी परेशानियां झेली हैं जैसे डॉक्टरों की कमी, ट्रेफिक की समस्या आदि.

    इस सबसे ऊपर देश के ज्यादातर लोग डॉक्टरों पर बहुत यकीन नहीं करते. मेडिकल प्रोफेशनल मरीज से घूस लेने के साथ pharmaceutical companies से भी कमीशन लेते हैं और फिक्स ट्रीटमेंट करते हैं. यहां तक कि भारत में भी हालात ऐसे ही हैं. अगर चीन रोबोट डॉक्टरों और AI एंबुलेंस का इस्तेमाल करने लगा तो हेल्थकेयर से संबंधित उसकी कई सारी परेशानी ठीक हो जाएंगी और भारत भी उसी के अंदाज में डिजिटल मोड को फॉलो करने लगेगा.

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    Tags: Artificial Intelligence, China, Orthopaedic doctor, Robot, Robots