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21वीं सदी को महात्मा गांधी के करुणा, अहिंसा के संदेश से परिभाषित किया जाना चाहिए: राहुल गांधी

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21वीं सदी को महात्मा गांधी के करुणा, अहिंसा के संदेश से परिभाषित किया जाना चाहिए: राहुल गांधी

 (Image: Congress/Twitter)
(Image: Congress/Twitter)

राहुल ने कहा, ‘‘भले ही अंग्रेजों ने हम पर शासन किया. वे कई विचार पीछे छोड़ कर गए जिनमें से कुछ को मजबूती दी गई.’’

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि 21वीं सदी को महात्मा गांधी के करुणा और अहिंसा के संदेश से परिभाषित किया जाना चाहिए. ब्रिटिश संसद के ग्रैंड कमिटी रूम में बोलने के लिए आमंत्रित किए गए विपक्षी दल के पहले विदेशी नेता राहुल ने कहा कि भारत और ब्रिटेन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं क्योंकि वे वैचारिक आधार पर लोगों से मुकाबला करते हैं.

    हाउस ऑफ कॉमंस के ग्रैंड कमेटी रूम में बोल चुकी अन्य प्रमुख हस्तियों में तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला और पूर्ववर्ती सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव शामिल हैं.

    कांग्रेस अध्यक्ष ने सभा में श्रोताओं के तौर पर शामिल सांसदों और स्थानीय नेताओं से कहा, ‘‘भारत और ब्रिटेन को जो बात जोड़ती है वह है कि हमारे यहां लोग वैचारिक लड़ाई लड़ते हैं. 21वीं सदी में सबसे बड़ा विचार करुणा और अहिंसा है जो मेरे नायक महात्मा गांधी के दिखाए रास्ते हैं.’’

    राहुल ने कहा, ‘‘भले ही अंग्रेजों ने हम पर शासन किया. वे कई विचार पीछे छोड़ कर गए जिनमें से कुछ को मजबूती दी गई.’’

    कांग्रेस अध्यक्ष ने भारतीय मूल के नेताओं की प्रशंसा की जो ब्रिटेन के राजनीतिक प्रतिष्ठान का हिस्सा हैं.

    राहुल ने कहा, ‘‘ये वैसे ही कमरे हैं जहां से अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया और आज काफी संख्या में भारतीय ब्रिटेन को चलाने में मदद कर रहे हैं. दुनिया कहां से कहां पहुंच गई है.’’

    ‘भारत और विश्व’ नामक कार्यक्रम में विपक्षी लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता कीथ वाज, वीरेन्द्र शर्मा और सीमा मल्होत्रा भी शामिल थीं.

     

    Tags: BJP, Congress, Rahul gandhi