शिमलावासियों को मिल रहा है मटमैला पानी, निगम ने पानी जांच के सैंपलों की संख्या बढ़ाई
शिमला के लोगों को जहां वर्ष भर पीने के पानी के लिए जूझना पड़ता है, वहीं अब भारी बरसात में भी लोगो को मटमैले पानी का सामन ...अधिक पढ़ें
- News18 Himachal Pradesh
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हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर और आस पास के क्षेत्रों में इन दिनों हो रही मूसलाधार बारिश विपत्ति लेकर आई है. शिमला के लोगों को जहां वर्ष भर पीने के पानी के लिए जूझना पड़ता है, वहीं अब भारी बरसात में भी लोगो को मटमैले पानी का सामना करना पड़ता है. शहरवासियों को आये दिनों मटमैला पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. एक ओर इन दिनों जहां निगम द्वारा भरे जा रहे पानी के सैंपल फेल हो रहे हैं तो दूसरी ओर निगम सभी वाटर स्टोरेज टैंकों के पानी की रिपोर्ट को साफ़ बता रहा है.
निगम का कहना है कि निगम शहरवासियों को साफ़ और गुणवत्ता युक्त पानी देने के लिए रोजाना करीब 20 जगहों से पानी के सैम्पल भरकर आईजीएमसी अस्पताल की लैब में जांच कर रहा है. मेयर कुसुम सदरेट का कहना है कि पहले जहां निगम पहले आठ जगहों से पानी के सैंपल भरता था उसकी संख्या को अब निगम ने 20 कर दिया है.
उन्होंने कहा कि निगम बाबड़ियों और हैंडपंपों के भी सैम्पल भर रहा है जिसके सैम्पल फेल हो रहे हैं, जिसे शहरवासी इन जगहों के पानी को न पीने की अपील की है. वहीं भारी बरसात में भी शहर के सभी पेयजल परियोजनाओं से निगम को पानी की मात्रा भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है.
गाद की समस्या आने से शुक्रवार को निगम को विभिन्न पेयजल मात्र 32.17 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई है. पिछले दिनों 40 एमएलडी पानी मिल रहा था वह अब घटकर 32 एमएलडी तक पहुंच गई है. अगर आने वाले दिनों में यही स्थिति रहती है तो शहरवासियों को गाद वाले पानी के साथ-साथ पानी के संकट का सामना भी करना पड़ सकता है.
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