बाढ़ के खतरे से डरे सहमे लोग खुद ही अपने मकान को तोड़ रहे. Photo: News 18
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में घाघरा नदी का जलस्तर लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. शनिवार को कम हो रहा नदी का पानी रविवार को अचानक फिर बढ़ने लगा. नदी का जलस्तर इस समय खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. उधर नदी की कटान तटवर्ती गांव के ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है.
बाढ़ के पानी की विनाशलीला की जद में लोगों के घरों के बाद अब इलाके के धार्मिक स्थल भी आने लगे हैं. रामनगर तहसील के कचनापुर एक मस्जिद घाघरा नदी में समा गई है. घाघरा की कटान के चलते इलाके के घरों का नदी में समाने का सिलसिला भी जारी है. इससे गांव के लोग दहशत में हैं और बाढ़ पीड़ित खुद अपने आशियानों को जमींदोज कर रहे हैं. ताकि घर से निकले कुछ सामान से वह किसी नई जगह पर अपने परिवार के रहने लायक व्यवस्था कर सकें.
वहीं मस्जिद के नदी में समाने के बाद पेश इमाम ने बताया कि इस जगह पर 35 साल से यह मस्जिद थी. लेकिन घाघरा नदी की कटान में अब ये नदी में भी समा गई. कंचनापुर गांव में बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि हम लोग अपना घर खुद तोड़ रहे हैं. जिससे यहां का सामान ले जाकर सुरक्षित जगह पर रहने लायक व्यवस्था कर सकें. गांव के लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन पहले बंधे के उस पार रहने की स्थाई व्यवस्था कर देता तो हम लोग वहां चले जाते. लेकिन प्रशासन ने हम लोगों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए.
(रिपोर्ट: अनिरुद्ध शुक्ला)
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