जलदाय विभाग में फर्जी वेतन 'महाघोटाला', ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा
जलदाय विभाग में कर्मचारियों के वेतन भुगतान के नाम पर करोड़ों रुपए का महाघोटाला सामने आया है. यह महाघोटाला वर्ष 2013 से ...अधिक पढ़ें
- News18 Rajasthan
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जलदाय विभाग में कर्मचारियों के वेतन भुगतान के नाम पर करोड़ों रुपए का महाघोटाला सामने आया है. वर्ष 2013 से 2017 तक हुए इस महाघोटाले में जलदाय विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने नियम कानून का मखौल उड़ाते हुए फर्जी कर्मचारियों के नाम से फर्जी वेतन उठाया.
जयपुर के नगर खंड प्रथम में हुए इस घोटाले में तीन दर्जन से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों के नाम सामने आ रहे हैं. ऑडिट रिपोर्ट खुलासा कर रही है कि इस महाघोटाले में अधीशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंताओं के साथ साथ विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. घोटाले को अंजाम देने वाले विभागीय कर्मचारी कैलाशचंद वर्मा, मूलचंद सैनी, गोपाल सिंह, मदनलाल रैगर, सेवाराम और सत्यनारायण विजय सेवानिवृत हो चुके हैं. जबकि दरबान सिंह, डूंगरसिंह, श्रवण सिंह और इकबाल अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बद्रीलाल, पप्पू लाल, सुआलाल, लक्ष्मण महावर, किशन शर्मा के साथ साथ जगदीश नारायण, श्योराम मीणा, सीताराम चवरिया, कजोड़, गोविंद सिंह, छोटूराम, दीपक विजय, ज्ञानचंद मीणा व बाहरी व्यक्ति गिर्राज मीणा इस घोटाले में शामिल हैं और अभी भी विभाग में ही कार्यरत हैं.
बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए अब दर्ज करवाया मामला
ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद जलदाय प्रशासन ने घोटाले को अंजाम देने वाले बड़े अधिकारियों को बचाने की कवायद शुरू कर दी है. बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए जलदाय विभाग प्रशासन के मुख्य अभियंता के निर्देशानुसार जवाहर नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है. खास बात ये है कि विभाग ने घोटाले में संलिप्त आरोपी कर्मचारियों के जरिए ही मुकदमा दर्ज करवाया है. घोटाले कितने का हुआ है इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. इस अवधि में नगर खंड प्रथम का प्रभार अधिशाषी अभियंता केशव श्रीवास्तव के पास था. जिन फर्जी कर्मचारियों के नाम से वेतन का भुगतान हुआ है उन सभी दस्तावेजों पर अधिकारी केशव श्रीवास्तव के हस्ताक्षर हैं.
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