राजधानी से राजधानी तक फिलहाल तो यही है इनकी दिनचर्या
आदिवासी हैं तो आदिवासी अंदाज, महिला हैं तो महिला मुद्दे की बात और किसी प्राधिकरण या मोर्चे के अध्यक्ष हैं तो गुपचुप कोश ...अधिक पढ़ें
- News18 Madhya Pradesh
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चुनाव की तारीख़ पास आते ही पार्टी दफ्तरों में टिकट के दावेदारों की फ्रीक्वेंसी बढ़ गयी है. अपने कद और हैसियत के हिसाब से लोग दावा कर रहे हैं और पार्टी के आला नेताओं तक पहुंच बनाने की जुगत में हैं.
नेताओं को खुश करने की कोशिश इस हद तक है कि ये दावेदार अपने पहनावे तक से उन्हें रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे. किसी के माथे पर पगड़ी है तो कोई बायोडाटा लेकर खड़ा है. ये दावेदार प्रदेश के कौने-कौने से यहां आ रहे हैं. फिलहाल तो जिसकी जितनी बड़ी पहुंच है वो खुद को टिकट का उतना बड़ा दावेदार मान रहा है. हालांकि टिकट मिलेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है.
आदिवासी हैं तो आदिवासी अंदाज, महिला हैं तो महिला मुद्दे की बात और किसी प्राधिकरण या मोर्चे के अध्यक्ष हैं तो गुपचुप कोशिश, लेकिन टिकट की ख्वाहिश सबकी है. यही वजह है कि पार्टी दफ्तर के चक्कर काटते हुए भले पांव में छाले पड़ गए हों लेकिन जब तक टिकट नहीं मिल जाता, तब तक क्या कहा जा सकता है.
दावेदार अपना दावा मज़बूत करने के लिए तमाम बातें रख रहे हैं. अपने आकाओं के ज़रिए नेताओं तक पहुंच रहे हैं. दावेदार इतने ज़्यादा हैं कि पार्टी भी समझ रही है कि मुश्किल बड़ी हैं. लिहाजा गोपनीय सर्वे जारी है. ये भी तय है कि कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट कटेंगे तो कुछ नए चेहरों को मौका मिलेगा.उसी मौके की तलाश में दावेदारों का पार्टी दफ्तरों की परिक्रमा का दौर जारी है.
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Tags: Assembly Elections 2018