महाराष्ट्र में महागठबंधनः शरद पवार ने राहुल गांधी को भेजा प्रस्ताव
विधानसभा की 288 सीटों में से 131-131 सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी के लड़ने के साथ ही 26 सीटें सहयोगी पार्टियों को देने क ...अधिक पढ़ें
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2019 चुनावों को लेकर विपक्ष एकजुट होने का बिगुल बजा चुका है. इसी के तहत महाराष्ट्र में महागठबंधन के लिए एनसीपी नेता शरद पवार ने राहुल गांधी को प्रस्ताव भेजा है. विधानसभा की 288 सीटों में से 131-131 सीटों पर कांग्रेस और एनसीपी के लड़ने के साथ ही 26 सीटें सहयोगी पार्टियों को देने का प्रस्ताव भेजा गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को मुंबई दौरे पर हैं. ऐसे में महागठबंधन पर चर्चा की संभावना है. बता दें कि एनसीपी और कांग्रेस के साथ अन्य सहयोगी दलों में बहुजन समाज पार्टी, शेतकरी कामगार पार्टी, समाजवादी पार्टी, आरपीआई गवई कवाडे गुट और बहुजन विकास आघाडी पार्टी को शामिल करने की बात रखी गई है.
कहा गया है कि लोकसभा की सीटों पर गठबंधन से पहले ही विधानसभा की तैयारी की जाये. दोनों चुनाव 2019 में होने हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी दोनों ने अपनी अपनी सीटों की पहचान कर ली है .लोकसभा में 48 सीटों में कांग्रेस 24 सीटों पर और एनसीपी 18 सीटों पर लड़ना चाहती है. बाकी 8 सीटें सहयोगी दलों को दी जा सकती है.
इनमें बहुजन विकास आघाडी को पालघर, शेतकरी कामगार पार्टी के सांसद राजू शेटटी को इचलकरंजी, समाजवादी पार्टी को भिवंडी, आरपीआई गवई कवाडे गुट को विदर्भ में एक सीट चुनाव के लिए दी जा सकती है. बीएसपी ने भी एक सीट मांगी है लेकिन लोकसभा से पहले विधानसभा पर गठबंधन की तैयारी है. महागठबंधन में शरद पवार अहम भूमिका निभा रहे हैं.
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी कहा है कि पालघर चुनाव के बाद सबको समझ में आ गया है कि अगर हम एकजुट होकर सेक्युलर ताकतों से लड़ें तो बीजेपी का सफाया हो जाएगा. चव्हाण ने कहा, 'कर्नाटक में भी अगर में जेडीएस के साथ पहले से मिलकर हमनें चुनाव लड़ा होता तो नतीजा कुछ और ही होता. महाराष्ट्र में भी ऐसा हो सकता है.'
पवार ने शिवसेना को भी साथ आने का न्योता दिया है लेकिन कांग्रेस को ये मंजूर नहीं है. कांग्रेस को डर है कि शिवसेना से हाथ मिलाने से अल्पसंख्यक और उत्तर भारतीय वोटर बिदक जाएंगे. अशोक चव्हाण ने कहा, 'शिवसेना और एमआईएम सेक्यूलर नहीं हैं और हम विचारधारा के आधार पर ही समझोता करेंगे केवल वोट के लिए नहीं.'
जाहिर है अगर महाराष्ट्र में गठबंधन हो जाता है तो फायदा तो मिलेगा ही. खुद पवार इसका फायदा केन्द्र में लेगें. अगर पवार की पहल काम आयी तो केन्द्र मे किसी को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में शरद पवार खुद को पीएम के दावेदार के तौर पर पेश करने तैयार दिख रहे हैं.
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