गरीबों का प्रोटीन पाउडर...यहां 40 साल से बादशाहत बरकरार, महज 15 रुपए है कीमत
वैसे तो हजारीबाग जिले में सत्तू के सैकड़ों ठेले और दुकाने लगती हैं, लेकिन हजारीबाग के डिस्ट्रिक्ट मोड़ के करीब श्री सत् ...अधिक पढ़ें
- News18 Jharkhand
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हजारीबाग. गर्मियों में पारा 40 डिग्री के पार जा चुका है. गर्मी से बचने के लिए लोग कई प्रकार के अपने आहार में बदलाव कर रहे हैं. ऐसे में लोग कई प्रकार के जूस, शरबत, फल, पानी वाला फल जैसे तरबूज खरबूज खाना पसंद करते हैं. बिहार झारखंड में गर्मी के दिनों में सत्तू को लेकर एक अलग ही क्रेज रहता है. आमतौर पर गर्मी के दिनों में लोग सुबह भोजन अवॉइड करते हैं. इसके बजाय अगर एक गिलास सत्तू ही पी लें तो पेट भरी रहता है. गर्मी के मौसम में भूख को दूर रखने से लेकर लू को भगाने के लिए सत्तू की अहमियत और भी बढ़ जाती है.
वैसे तो हजारीबाग जिले में सत्तू के सैकड़ों ठेले और दुकाने लगती हैं, लेकिन हजारीबाग के डिस्ट्रिक्ट मोड़ के करीब श्री सत्तू भंडार अपने लिगसी और सत्तू के खास स्वाद के लिए दूर-दूर तक जाना जाता है. इस सत्तू स्टॉल के संचालक बॉबी कुमार बताते हैं कि इस स्टॉल की शुरुआत उनके दादा ने 1985 ईस्वी में की थी. तब से यह स्टॉल यही डिस्ट्रिक्ट मोड़ के करीब लगाया जाता है. सम्हारणालय के करीब होने के कारण पुराने समय में यहां बड़े-बड़े अधिकारी सत्तू पीने के लिए रुका करते थे. यहां के सत्तू को लेकर दीवानगी कुछ इस प्रकार थी कि दूर-दूर के लोग भी गर्मी में सत्तू का स्वाद लेने के लिए यहां आते थे.
शुद्ध और गाढ़ा सत्तू है पहचान
उन्होंने आगे बताया कि अन्य ठेलों पर गाढा सत्तू नहीं परोसा जाता है, जिस कारण से लोग यहां सत्तू पीने के लिए आते हैं. यहां पर सत्तू में खास मसाला डाला जाता है. जिसमें 10 चीजें होती हैं. जैसे जीरा, गोलकी, दालचीनी, मिर्च, सेंधा नमक आदि रहता है. अभी यहां दो तरह के सत्तू के गिलास पर परोसे जाते हैं, जिसमें छोटा ग्लास 15 रुपए का है और बड़ा गिलास 20 रुपए का है.
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