'स्पाईकैम पोर्नोग्राफी' के विरोध में दक्षिण कोरिया में सड़कों पर उतरी महिलाएं
करीब 20,000 से अधिक औरतें सरकार से स्पाई कैम पोर्नोग्राफी के मामले सही तरीके से जांच की मांग कर रही हैं.
- News18.com
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दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में 'मोल्का' यानि 'स्पाई कैम पोर्नोग्राफी' के विरोध में हज़ारों औरतें सड़कों पर आ गई हैं. उनका आरोप है कि पुलिस महिला व पुरुष पीड़ितों के मामले में जांच को लेकर भेदभाव कर रही है. यह दूसरी बार है जब विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इससे पहले 19 मई को इस तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया था.
करीब 20,000 से अधिक औरतें सरकार से स्पाई कैम पोर्नोग्राफी के मामले सही तरीके से जांच की मांग कर रही हैं जिसमें चुपचाप तरीके से बाथरूम, ऑफिस व होटल के प्राइवेट स्पेस में आपत्तिजनक स्थिति में उनका वीडियो बना लिया जाता है या फोटो खींच ली जाती है. इन महिलाओं का आरोप है कि पुलिस भी मामले में मर्दों के पक्ष में झुकी हुई है इसलिए ठीक ढंग से जांच नहीं चल रही है. अगर पीड़ित कोई मर्द है तो पुलिस तेज़ी से जांच करती है और अपराधी को पकड़ लेती है लेकिन महिला पीड़ित के मामले में ऐसा नहीं होता.
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कोरिया टाइम्स के अनुसार शनिवार को हज़ारों महिलाओं ने लाल रंग का कपड़ा पहनकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारे लगा रही थीं कि महिलाएं भी कोरिया की नागरिक है. लाल रंग गुस्से का प्रतीक है. कोरिया के इतिहास में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों में से ये एक है.
History in the making. More than 20,000 South Korean women angrily urged the gov't to crack down on the widespread 'molka' (spy cam) crimes that secretly film women at public toilet/public transport/office/school- in the biggest-ever protest held by women in the nation. #혜화시위 pic.twitter.com/AYJbLAG8Ut
— Hawon Jung (@allyjung) June 9, 2018
मई महीने में इसी तरह का एक मामला सामने आया था जब एक मेल मॉडल हांगकिंग यूनीवर्सिटी की आर्ट की क्लास के लिए न्यूड (नंगा) हो के पोज़ दे रहा था. बाद में बिना उसकी स्वीकृति के उन फोटोज़ को इंटरनेट पर डाल दिया गया. हालांकि बाद में इस फोटो को हटा दिया गया लेकिन जिस महिला ने यह किया था उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
महिला आरोपी के मामले में पुलिस ने जिस तरह से तेज़ी दिखाई उसको लेकर लोग हैरान हैं, जबकि महिला पीड़ितों के मामले में पुलिस इस तरह की तेज़ी नहीं दिखा रही है.
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इसके विरोध में करीबी 4 लाख महिलाओं ने राष्ट्रपति के नाम एक पेटीशन भी साइन किया है. जूंग आंग डेली के मुताबिक एक महिला ने पेटीशन में लिखा, "अगर कोई महिला ऐसा केस लेकर पुलिस के पास जाती है तो पुलिस कहती है कि यह तुम्हारे कारण हुआ है तुमने ठीक से कपड़े नहीं पहन रखे थे. हम दोषी को नहीं पकड़ सकते. यह काफी कठिन काम है."
2016 में पुलिस ने सोरानेट वेबसाइट को बंद कर दिया. ये वेबसाइट छिपे हुए कैमरे के इस्तेमाल से महिलाओं के बॉडी पार्ट्स का फुटेज बनाने के लिए बदनाम है लेकिन इस वेबसाइट को बंद करने में पुलिस को दस साल लग गए.
पुलिस आंकड़ों के अनुसार 2016 में इस तरह के करीब 5200 मामले दर्ज किए गए. पीड़ितों में करीब 80 प्रतिशत महिलाएं थीं. इसी साल करीब 7300 आवदेन दिए गए जिसमें इस तरह के 'रिवेंज पोर्न' को हटाने की बात कही गई.
पेटीशन साइन करने वालों ने पांच तैराकों का भी ज़िक्र किया है जिनके ऊपर महिला तैराकों के लॉकर रूम में कैमरा लगाने का आरोप था. लेकिन उन्हें लोकल कोर्ट द्वारा सबूतों की कमी के चलते बेगुनाह करार दे दिया गया.
राष्ट्रपति कार्यालय ने इस मामले में स्पाई कैमरों की बिक्री को रेग्युलेट करने की बात कही है ताकि पीड़ितों के अधिकार की रक्षा की जा सके.
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