रोडवेज का चक्काजाम: लाखों यात्री बे' बस, हड़ताल को लेकर शुरू हुई राजनीति
अपनी मांगों पर अड़े रोडवेजकर्मियों ने अपनी हड़ताल का दायरा बढ़ा दिया है. मांगे पूरी नहीं होने से वे अनिश्चितकालीन हड़ता ...अधिक पढ़ें
- News18 Rajasthan
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अपनी मांगों पर अड़े रोडवेजकर्मियों ने अपनी हड़ताल का दायरा बढ़ा दिया है. मांगे पूरी नहीं होने से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. रोडवेज की चक्काजाम हड़ताल को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे सरकार की नाकामी बताया है.
पिछले 3 दिनों से प्रदेश के लाखों यात्री बे'बस' हैं. रोडवेज की करीब साढ़े 4 हजार बसों के पहिए थमे हुए हैं. क्योंकि इन्हें चलाने वाले अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. लेकिन रोडवेज की यह हड़ताल अब राजनैतिक रूप लेने लगी है. कांग्रेस ने इसका ठीकरा सरकार व परिवहन मंत्री पर फोड़ा है.
परिवहन मंत्री की हठधर्मिता के कारण नहीं टूट रही हड़ताल
कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा का कहना है कि रोडवेजकर्मी अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन परिवहन मंत्री की हठधर्मिता के कारण यह हड़ताल नहीं टूट रही है. उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री जान बूझकर जयपुर में नहीं रूक रहे हैं. जिस समय उन्हें यहां होना चाहिए. वे झालावाड़, अजमेर व डीडवाना का दौरा कर रहे हैं.
मंत्री खुद दौरे पर हैं और अपील कर रहे हैं
कांग्रेस के बयानों में काफी हद तक सच्चाई भी है. क्योंकि हड़ताल से पहले एक बार परिवहन मंत्री ने संयुक्त मोर्चे से वार्ता की थी, लेकिन हड़ताल से ठीक एक दिन पहले व हड़ताल के पहले दिन मंत्री झालावाड़ दौरे पर रहे. वहीं हड़ताल के दूसरे दिन अजमेर दौरे पर. वे केवल कर्मचारियों से अपील करते रहे, लेकिन वार्ता करने की कोशिश नहीं की.
करीब 22 हजार परिवार जुड़े हैं
इस मुद्दे पर राजनीति होना तो लाजमी है. क्योंकि करीब 17 हज़ार कार्यरत व 5 हजार सेवानिवृत कर्मचारियों को कोई भी नाराज नहीं करना चाहता. यही वजह है कि आज सरकार ने संयुक्त मोर्चे को वार्ता के लिए न्यौता भेज दिया है.
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