लड़की के घरवालों ने झूठी शान के लिए उसे मौत के उतार दिया
आपने खूब सुना होगा की ऑनर किलिंग या फिर हॉरर किलिंग में पिता ने बेटी को मार डाला, दादा ने पोती की जान ले ली, जिन हाथों में पोते को खिलाया उन्हीं हाथों ने पोते का गला घोंट दिया, क्योंकि उसने मोहब्बत करने की खता की थी. ये कहानियां अकसर हमें डराती रहती हैं. 21वी सदी का राग-अलापने वाले हमारे समाज को आइना दिखाती रहती है अबकि बार हॉरर किलिंग की एक और कहानी ने हमें सन्न कर दिया है. ये मसला भी मोहब्बत से शुरु हुआ, फिर शादी तक पहुंचा लेकिन युवती के नाबालिग होने के कारण मामला कानूनी खींचतान में उलझ कर रह गया.
युवक को सलाखें तो पहले ही मिल चुकी थी. अब अपनी मोहब्बत को मरते हुए देखने की कायनात की सबसे बड़ी सज़ा भी मिली. बेटी को मौत के आगोश में भेजने वाले रुड़ीवीदी बाप ने समाज में झूठी आन, बान और शान के लिए अपनी फूल सी बच्ची को मसल कर रख दिया. नारी निकेतन से बेटी के साथ आए सब इंसपेक्टर को भी गोलियों से भून दिया गया.
ये है पूरा मामला
सात माह पहले सिंहपुरा निवासी व अनुसूचित जाति के प्रॉपर्टी डीलर सुनील से ऊंची जाति की सूर्या कॉलोनी निवासी नाबालिग ने प्रेम विवाह किया था. तब लड़की के दत्तक पिता ने बेटी को नाबालिग बताते हुए सुनील और उसके पिता पर केस कराया था. पिता-पुत्र अब दोनों सुनारिया जेल में बंद हैं. लड़की को नारी निकेतन भेजा गया था. अब वह बालिग हो गई थी और बीते बुधवार को युवती की रोहतक में गवाही थी.
गवाही के लिए आई तो गोलियों से भून दिया
वह गवाही देकर बाहर निकली ही थी कि बाइक पर सवार दो युवकों ने फायरिंग शुरू कर दी. उसे बचाने आए पेहवा निवासी एसआई नरेंद्र को भी हमलावरों ने तीन गोलियां मारी. पीजीआई में एसआई ने भी दम तोड़ दिया. युवती को दो गोलियां लगी थीं. वारदात के वक्त एसआई के साथ युवती, उसकी सास, देवर और महिला कांस्टेबल भी मौजूद थी. घटना के बाद बाइक पर आए बदमाश फरार हो गए.
‘बयान तो तब दर्ज होंगे जब हम जीने देंगे’
सुनील की मां सोमबीर उर्फ सुनील की मां सरोज ने बताया कि बहू का दत्तक पिता रमेश जेल में बंद मेरे बेटे सुनील और पति को हत्या की धमकी भिजवा रहा है. हमारे घर पर सुबह भी रमेश ने धमकी दी थी. उसने कहा था कि बेटी के बयान तो तब ही दर्ज होंगे, जब उसे हम जीने देंगे. मैं अपने बेटे दिनेश को लेकर कोर्ट पहुंची. कोर्ट में बहू का पिता भी आया था. उसी ने रेकी करके हत्या करने वालों को फोन किया.
कोर्ट से निकलते ही कर दी ताबड़तोड़
हम कोर्ट से निकल कर लघु सचिवालय के बाहर गेट पर पहुंचे ही थे कि 3 बदमाशों ने बहू को दो गोली मारी. गोली चलते ही हड़कंप मच गया. एसआई लड़की को बचाने के लिए रिवाल्वर निकालने लगा तो एक बदमाश ने उन पर भी गोलियां चला दीं. मुझे महिला पुलिसकर्मी ने बचा लिया और खुद मेरे आगे खड़ी हो गई.
प्रेमी पत्थर उठाने के लिए झुका तो बच गई जान
बेटे दिनेश पर भी आरोपियों ने गोली चलाई, लेकिन पत्थर उठाने के लिए नीचे झुका तो वह बाल-बाल बच गया. घायलों को पुलिस की जिप्सी में ही पीजीआई पहुंचाया गया. मेरी बहू मूलरूप से गड्डीखेड़ी की रहने वाली थी. उसे ढाई साल की उम्र में ही जींद के लिजवाना निवासी उसके फूफा रमेश ने गोद ली थी. फिलहाल रमेश रोहतक के श्याम कॉलोनी में रह रहा था.
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