मटका बनाने में नहीं लगा दिल, तो खिलौने पर आजमाया हाथ, मिट्टी की कलाकारी से नजर हटाना मुश्किल
करनाल की रहने वाली आशा पहले घर में ही मिट्टी का सामान बनाकर बेचा करती थीं. अपने बुजुर्गों से सीखी कला को जब उन्होंने अल ...अधिक पढ़ें
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मुकुल सतीजा/करनाल. आशा कुम्हार हैं. मिट्टी का मटका बनाकर बेचा करती थीं. लेकिन उस काम में दिल नहीं लगता था. एक दिन सोचा कि क्यों न कुछ अलग किया जाए. फिर मिट्टी से खिलौने, पेन स्टैंड और गुल्लक जैसे सामान बनाने लगीं. पहली बार जब मिट्टी के बनाए अपने सामान का स्टॉल लगाया, तो लोगों का रिस्पॉन्स अच्छा दिखा. खासकर बच्चे खुश हो गए. तब से वह ऐसी ही अनोखी चीजें बनाने लगीं. मिट्टी के इन सामान पर जब आप आशा की कलाकारी देखेंगे, तो हैरान रह जाएंगे.
Local 18 से बात करते हुए आशा ने बताया कि पहले वह घर में सामान बनाकर बेचती थीं. वह बचपन से ही मिट्टी के मटके या अन्य सामान बनाती रही हैं. लेकिन पारंपरिक काम में दिल नहीं लगता था. इसलिए सोचा कि कुछ अलग किया जाए और उन्होंने मिट्टी के खिलौने, पेन स्टैंड आदि बनाना शुरू किया. उन्होंने बताया कि दादा-बाबा से उन्होंने यह काम सीखा है. आज उनके बनाए मिट्टी के सामान को लोग पसंद करते हैं. खासकर बच्चों को मिट्टी के खिलौने अच्छे लगते हैं.
आशा ने बताया कि वह खिलौनों के साथ-साथ भगवान की मूर्तियां भी बनाती हैं. जैसे-जैसे ग्राहक की डिमांड आती है या मौसम के हिसाब से मिट्टी का सामान भी बनाती हैं. इस काम में उन्हें उनके परिवार का पूरा सपोर्ट भी मिलता है. आशा ने बताया कि अभी फिलहाल काम की शुरुआत है. कमाई ठीक-ठाक हो जाती है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में कमाई और बढ़ेगी.
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