अब मोबाइल फोन के ज़रिए पाएं CPWD की परियोजनाओं की जानकारी
सीपीडब्ल्यूडी की परियोजनाओं में इस्तेमाल की जा रही तकनीक एवं अन्य ज़रूरी जानकारियां अब मोबाइल फोन के ज़रिए क्यूआर कोड क ...अधिक पढ़ें
- भाषा
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केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की परियोजनाओं में इस्तेमाल की जा रही तकनीक एवं अन्य ज़रूरी जानकारियां अब मोबाइल फोन के ज़रिए क्यूआर कोड की मदद से हासिल की जा सकेंगी. आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी मंत्रालय की ई गवर्नेंस सेवाओं के तहत ये सुविधा बुधवार को शुरू करेंगे.
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सीपीडब्ल्यूडी की निर्माणाधीन एवं पूरी हो चुकी सभी परियोजनाओं को ऑनलाइन निगरानी प्रक्रिया के तहत विशिष्ट क्यूआर कोड दिया गया है. देशभर में सीपीडब्ल्यूडी के लगभग 400 परियोजना केन्द्रों से संचालित इन परियोजनाओं के क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन करने पर परियोजना से जुड़ी जानकारियां मिल जाएंगी.
इनमें परियोजना की लागत, क्षेत्रफल, उपयोगिता, संबद्ध अधिकारी और इसमें इस्तेमाल की गयी तकनीक सहित अन्य ज़रूरी जानकारियां शामिल है. क्यूआर कोड सेवा से जुड़े अधिकारी ने बताया कि अपने तरह की इस अनूठी सेवा के शुरू होने से किसी भी व्यक्ति को परियोजना से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए ना तो किसी अधिकारी के पास जाने की ज़रूरत होगी और ना ही विभाग को अपनी परियोजनाओं की सामान्य जानकारियां जनता को देने के लिए अलग से कर्मचारी तैनात करने होंगे.
उन्होंने बताया कि बुधवार को इसकी शुरुआत दिल्ली में वेस्टर्न कोर्ट परिसर के कायाकल्प से जुड़ी परियोजना और रिंग रोड परियोजना सहित अन्य राज्यों में चल रही 16 विभिन्न परियोजनाओं से होगी. इसके तहत परियोजना स्थल पर परियोजना के बोर्ड में क्यूआर कोड चस्पा कर दिया जाएगा.
इसके अगले चरण में विभाग की अन्य सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय में क्यूआर कोड से लैस कर दिया जाएगा. इसमें दिल्ली स्थित वेस्टर्न कोर्ट सहित देश के विभिन्न भागों में सीपीडब्ल्यूडी की हाल ही में पूरी हो चुकी परियोजनाओं के अलावा निर्माणाधीन परियोजनाओं को शामिल किया गया है. इसके अलावा भविष्य में शुरू होने वाली प्रत्येक परियोजना को क्यूआर कोड के साथ ही शुरू किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने ई गवर्नेंस सेवा के तहत हाल ही में सीपीडब्ल्यूडी की सभी परियोजनाओं की उपग्रह आधारित ऑनलाइन निगरानी प्रणाली शुरू की थी. इसमें विभागीय अधिकारी किसी भी समय परियोजना के काम की ऑनलाइन समीक्षा कर सकते हैं. इस प्रणाली के तहत ही परियोजनाओं को क्यूआर कोड से जोड़ते हुए इनकी ज़रूरी जानकारियां जनसामान्य के लिए सार्वजनिक करने की पहल की गयी है.
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