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दवा के छिड़काव से मच्छर तो भागते नहीं, बस लोगों को भ्रम होता है : एनजीटी

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दवा के छिड़काव से मच्छर तो भागते नहीं, बस लोगों को भ्रम होता है : एनजीटी

File photo of National Geen Tribunal office in Delhi. (Photo: PTI)
File photo of National Geen Tribunal office in Delhi. (Photo: PTI)

एनजीटी प्रमुख न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की एक पीठ ने कहा कि नगर निगमों को कूड़ा स्थलों को मिट्टी से भरने और वहां कीटना ...अधिक पढ़ें

    राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि घर के बाहर मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करना अप्रभावी है. इससे लोगों के मन में सिर्फ यह छवि बनती है कि सरकार कुछ कर रही है जो सुरक्षा का गलत एहसास कराता है.

    अधिकरण ने अधिकारियों को शहर में जलजनित बीमारियों के स्रोतों की जांच करने का आदेश दिया.

    एनजीटी प्रमुख न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की एक पीठ ने कहा कि नगर निगमों को कूड़ा स्थलों को मिट्टी से भरने और वहां कीटनाशक के इस्तेमाल के लिए कदम उठाने चाहिए.

    अधिकरण ने कहा, 'वयस्क मच्छर प्रजनन को नियंत्रित करने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. बहरहाल, घर के बाहर छिड़काव अप्रभावी है. इसका यही प्रभाव है कि लोगों में यह छवि बनती है कि सरकार कुछ कर रही है जो कि सुरक्षा का गलत आभास है. इसकी बजाय, अंदर छिड़काव करना ज्यादा प्रभावी हो सकता है.'

    एनजीटी ने कहा कि मामले की दो साल तक निगरानी करने के बाद यह राय बनी है कि आगे की निरंतर निगरानी को दीर्घकालिक कार्य योजना समेत पहले से जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप काम करने के लिए सांविधिक अधिकारियों पर छोड़ देना चाहिए.

    पीठ ने कहा, 'इसी के अनुसार, कार्यवाही अब इस निर्देश के साथ बंद की जाती है कि ठहरे हुए पानी और ठोस कचरा हटाने सहित जलजनित बीमारियों के स्रोतों की जांच के लिए सख्ती से सभी तरह के कदम उठाए जाएं.'