भूख से हुई 3 बच्चों की मौत पर गरमाई सियासत, बीजेपी ने आप पर साधा निशाना
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लड़कियां दस्त और उल्टी से पीड़ित थीं जो पेट में किसी प्रकार के संक्रमण के कारण हो सकती ...अधिक पढ़ें
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मंडावली में भूख से हुई 3 बच्चों की मौत पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी शनिवार को सांकेतिक उपवास पर बैठे. बुधवार को पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में तीन बहनें मृत पायी गयी थी. पुलिस ने बताया था कि इन तीनों की उम्र दो , चार और आठ साल की है और अस्पताल ने उन्हें मृत लाया हुआ घोषित कर दिया. उनके परिवार के सदस्य तीनों को अस्पताल ले गये और अस्पताल के अधिकारियों ने उनकी मौत के बारे में पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने किसी भी प्रकार के संदेह से इनकार किया है क्योंकि उनके शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं.
वहीं पूर्वी दिल्ली में कथित तौर पर भूख के कारण तीन बच्चियों की मौत मामले की प्रारंभिक मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पिता का आचरण संदेह पैदा करता है और इस संबंध में और गहराई से जांच करने की जरूरत है. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि पिता ने उन्हें कुछ 'अज्ञात दवाई' दी थी.
हालांकि मनोज तिवारी ने इस घटना का जिम्मेवार आप सरकार को ठहराया है. News 18 से खास बातचीत में तिवारी ने कहा, मंडावली की घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है. हम धरना उपवास इसलिए कर रहे हैं ताकि दिल्ली सरकार जाकर सारा सिस्टम जागे ताकि दिल्ली में कोई और बेटी भूख से ना मरे. एसडीएम की रिपोर्ट का हवाला देकर दिल्ली सरकार इस घटना को नया रूप देने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के जरिए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट दो दोबारा की गई पेट में अन्न का कोई दाना नहीं था. क्या अरविंद केजरीवाल अब एसडीएम से पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनवाएंगे. इस करनी से तो ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल के अंदर का राक्षस बाहर आ रहा है. मंडावली इलाके में जहां कि यह घटना है वहां अधिकांश परिवारों के राशन कार्ड ही नहीं है.
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तिवारी ने कहा, हमारी मांग है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता के राशन कार्ड बनवाएं. इस घटना के बीतने के बाद भी अब तक अरविंद केजरीवाल पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के लिए नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल सरकार की असंवेदनशीलता सबके सामने है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लड़कियां दस्त और उल्टी से पीड़ित थीं जो पेट में किसी प्रकार के संक्रमण के कारण हो सकती हैं. लेकिन उन्हें पर्याप्त ओआरएस घोल और उचित दवाएं नहीं दी गयीं. संभव है कि इस वजह से उनमें निर्जलीकरण हुआ.इसमें कहा गया है कि पिता मंगल सिंह ने 23 जुलाई की रात अपनी बेटियों को कुछ "अज्ञात दवा गर्म पानी में मिलाकर" दी. वह 24 जुलाई की सुबह से वापस नहीं लौटा है.
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इसमें कहा गया है कि इस मामले में पिता का आचरण संदेह पैदा करता है और इसमें आगे जांच की आवश्यकता है.रिपोर्ट में कहा गया है कि मृत बच्चों की पोषण की स्थिति काफी अच्छी नहीं थी हालांकि उन्हें नियमित रूप से कुछ खाद्य पदार्थ मिल रहा था.इसमें कहा गया है कि पुलिस उपायुक्त (पूर्व) को मामले में गहराई से जांच करने का निर्देश दिया जा सकता है.
तीनों बहनों को 24 जुलाई को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में मृत लाया घोषित कर दिया गया था. प्रारंभिक शव परीक्षा में पता लगा कि उनकी भूख के कारण मौत हुयी. गुरु तेग बहादुर अस्पताल में एक मेडिकल बोर्ड ने पुलिस के अनुरोध पर दूसरी शव परीक्षा की थी. लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आयी है. पुलिस ने कहा कि उसकी टीमें नोएडा सहित दिल्ली के बाहर की जगहों का दौरा कर रही हैं. लड़कियों का पिता पहले नोएडा में काम करता था. (भाषा इनपुट के साथ)
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