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पूर्व मंत्री और नेताओं के कब्जे में हैं बड़े-बड़े सरकारी बंगले

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पूर्व मंत्री और नेताओं के कब्जे में हैं बड़े-बड़े सरकारी बंगले

सांकेतिक तस्वीर(Getty Images)
सांकेतिक तस्वीर(Getty Images)

छत्तीसगढ़ में राजनीतिक स्थिरता की ही देन है कि राज्य गठन के 18 साल बाद भी छत्तीसगढ़ में एक मात्र पूर्व मुख्यमंत्री अजीत ...अधिक पढ़ें

    पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा शासकीय आवास खाली करने को लेकर एक ओर सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा तो वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में कई पूर्व माननीय हैं जो सरकारी बंगले का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन माननीय लोगों में सत्ता पक्ष, विपक्ष के साथ ही क्षेत्रीय पार्टी के नेता भी शामिल हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में शासकीय बंगला खाली कराने को लेकर फिलहाल कोई पहल नहीं की जा रही है.

    धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ को राजनीतिक स्थिरता के लिए भी जाना जाता है. राजनीतिक स्थिरता की ही देन है कि राज्य गठन के 18 साल बाद भी छत्तीसगढ़ में एक मात्र पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जोगी अब भी राजधानी रायपुर में स्थित सरकारी आवास में ही रह रहे हैं और अपनी राजनीतिक पार्टी जोगी कांग्रेस का गठन कर खुद सुप्रीमों की पद पर हैं.

    यह बात अलग है कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश के बाद उत्तर-प्रदेश में पूर्व सीएम अखिलेश यादव को बंगला खाली करना पड़ा था.
    फिर मध्यप्रदेश में भी हलचल तेज है, मगर छत्तीसगढ़ में भले ही अब तक केवल एक ही पूर्व मुख्यमंत्री हुए हों, लेकिन पूर्व मंत्री और नेताओं के कब्जे में आज भी बड़े-बड़े शासकीय बंगले हैं, जिसका वे राजनीतिक इस्तेमाल भी कर रहे हैं.

    पूर्व मुख्यमंत्रियों के शासकीय बंगले छोड़ने को लेकर भले ही देशभर में चर्चा चल रही हो, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसे पूर्व माननीयों की संख्या आधा दर्जन से अधिक है, जो राजधानी रायपुर में ही बतौर पूर्व... शासकीय बंगलों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

    शासकीय बंगलों का उपयोग करने वाले नेता
    नाम                            पद
    अजीत जोगी                पूर्व मुख्यमंत्री (सुप्रीमों जोगी कांग्रेस)
    डॉ. चरणदास महंत       पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री (यूपीए सरकार)
    रविंद्र चौबे                   पूर्व नेता प्रतिपक्ष (कांग्रेस सरकार)
    डॉ. भूषण लाल जांगड़े   पूर्व राज्यसभा सांसद (बीजेपी)
    विक्रम उसेंडी               पूर्व वन मंत्री (लोकसभा सांसद-कांकेर)
    शहीद नंदकुमार पटेल   पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष (विधायक उमेश पटेल को आवंटित)
    शहीद महेंद्र कर्मा         पूर्व नेता प्रतिपक्ष (विधायक देवती कर्मा को आवंटित)

    उक्त सात नामों में शहीद नंदकुमार पटेल और शहीद महेंद्र कर्मा के बंगले के अलावा बाकी नाम ऐसे पूर्व माननीयों के हैं, जो अपने राजनीतिक रसूख के दम पर अब भी शासकीय बंगलों में काबिज हैं. यह बात अलग है कि कांग्रेस हो या बीजेपी सभी के जिम्मेदार मामले में सरकार को संज्ञान लेने की दुहाई दे रहे हैं.

    जोगी कांग्रेस के प्रवक्ता संजीव अग्रवाल इस राजनीतिक रसूख को सरकार का कृपा प्रसाद बता रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह व भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का का कहना है कि सरकार मामले में संज्ञान लेगी तो बंगला खाली करने की कार्रवाई भी होगी. जानकारों की मानें तो चुनावी जीत के लिए हर तरह के दांव चले जाते हैं और यहीं कारण हैं कि दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के कब्जे वाली शासकीय बंगलों को खाली कराने की जहमत सरकार भी नहीं उठा रही है.

    Tags: Chhattisgarh news, Raipur news