लखनऊ: कहीं बीएड-टीईटी अभ्यर्थियों का आमरण अनशन, तो कहीं विशिष्ट बीटीसी का धरना
नियुक्ति की मांग को लेकर चल रहा बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों का धरना-प्रदर्शन अब आमरण अनशन के रूप में बदल गया है. वही ...अधिक पढ़ें
- News18 Uttar Pradesh
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राजधानी लखनऊ एक तरफ बड़े मंगल के त्यौहार में व्यस्त है. जगह-जगह लोगों को भीषण गर्मी से राहत देने के लिए पियाऊ आदि लगाकर सेवा की जा रही है. वहीं कई जगह मई दिवस के आयोजन हो रहा हैं और मजदूर एकता के नारे लग रहे हैं. इन सबके बीच राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में अलग ही नजारा है. कहीं बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों का कई दिनों से चल रहा धरना प्रदर्शन अब आमरण अनशन में बदल चुका है. वहीं कहीं विशिष्ट बीटीसी के अभ्यर्थी मार्च से धरने पर बैठे हैं. इनकी सरकार से मांग है लेकिन अब तक इनके पास कोई नहीं पहुंचा है.
नियुक्ति की मांग को लेकर चल रहा बीएड टीईटी 2011 के अभ्यर्थियों का धरना-प्रदर्शन अब आमरण अनशन के रूप में बदल गया है. लखनऊ ईको गार्डन में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनको नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाते उनका अनशन जारी रहेगा.
अभ्यर्थियों ने दिसंबर 2012 के विज्ञापन को आगे बढ़ाते हुए उनकी भर्ती सहायक अध्यापक के पद पर करने की गुहार लगाई है. अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रदेश के करीब 3 लाख परिवार इस समय सरकार से राहत मिलने की राह देख रहे हैं. इन परिवारों का भविष्य अब सिर्फ सरकार पर निर्भर है.
विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन. Photo: News18
विशिष्ट बीटीसी के अभ्यर्थियों का धरना-प्रदर्शन भी यहीं पास में चल रहा है. मार्च से धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनको नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाता वह प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे. विशिष्ट बीटीसी सत्र 2004, 2007 और 2008 के सैंकड़ों अभ्यथी धरने पर बैठे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने उनके साथ के ही 98 फीसदी अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी लेकिन करीब 2200 अभ्यर्थी सालों से नौकरी के लिए भटक रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि न्यायालय के निर्देश पर सभी अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण तो कराया गया लेकिन उच्च अधिकारियों की लापरवाही से उनकी नियुक्ति फंस गई है.
(रिपोर्ट: शैलेश अरोड़ा)
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