VIDEO: यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से एक दर्जन से ज्यादा गांव प्रभावित
यहां पिछले 5 सालों से बरसात शुरू होते ही यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों की आवाजाही की समस्या भी शुरू हो जाती है ...अधिक पढ़ें
- News18 Uttarakhand
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उत्तराखंड में तहसील बड़कोट के ठकराल पट्टी अंतर्गत आने वाले एक दर्जन से ज्यादा गांव के ग्रामीण यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से खासे परेशान हैं. पिछले 5 सालों से बरसात शुरू होते ही ग्रामीणों की आवाजाही की समस्या भी शुरू हो जाती है. उत्तरकाशी जिले के यमुनाघाटी में भी जब 2013 में यमुना जी अपने विकराल रूप में बह रही थी तब नदी के बहाव में खरादी से लेकर गंगनानी तक करीब 38 मकान और 3 पुल बह गए थे. इसमें रवाडा पुल का एक हिस्सा और 20 मीटर सड़क मार्ग भी नदी के बहाव में बह गया था. हालांकि आज तक इस पुल को वाहनों की आवाजाही के लिए नहीं बनाया गया. मजबूरन लोग नदी से ही पुल की ढाल में वाहनों से सफर करते हैं. इस बीच बरसात शुरू होते ही वो ढाल भी तेज बहाव में बह गई, जिस परवाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.
बता दें कि तहसील मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खरादी-नंगाणगांव के रवाडा पुल से थान, स्यालब, मसालगांव और नंगाणगांव समेत एक दर्जन गांव के ग्रामीण NH 94 से जुड़ते हैं. स्कूली छात्र भी अब नदी में पानी बढ़ने के कारण करीब 10 किलोमीटर गांव से होते हुए अपने स्कूल पहुंचते हैं, लेकिन स्थिति तब ज्यादा खतरनाक हो जाती है जब किसी मरीज को बड़कोट या नौगांव के अस्पताल में लाना होता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल और सड़क निर्माण के लिए 2 बार कार्यदायी संस्था PMGSY द्वारा करीब एक करोड़ 36 लाख रुपए भी खर्च कर लिए गए हैं. बावजूद काम अभी भी अधूरा है, जिससे ग्रामीणों की समस्या भी दोगुनी बढ़ जाती है.
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