हैप्पी फिर भाग जाएगी में सोनाक्षी सिन्हा फ्रेशनेस लाती हैं
फिल्म समीक्षक - विवेक शाह
साल 2016 में आई फिल्म 'हैप्पी भाग जाएगी' एक औसत हिट थी. डायना पेंटी, अली फज़ल, जिमी शेरगिल और अभय देओल के किरदारों के साथ इस छोटे बजट की फिल्म को मिली सफलता से निर्माता इतने खुश हुए की उन्होंने फिल्म का सीक्वल बनाने का फैसला किया और इस बार फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा को जोड़ा गया है.
कहानी में साल 2016 वाला फ्लैशबैक है और बागवानी की वैज्ञानिक हैप्पी (सोनाक्षी सिन्हा) जब चीन पहुंचती हैं तो पिछली फिल्म की हैप्पी (डायना पेंटी) अपने पति गुड्डू (अली फजल) के साथ चीन पहुंच जाती है. अब डायना और अली फजल के पीछे आए गुंडे, हैप्पी नाम के कन्फ्यूजन के चलते गलत हैप्पी (सोनाक्षी) को उठा लेते हैं और वहीं गुड्डू और हैप्पी (डायना) को यूनिवर्सिटी लेक्चर के लिए बुला लिया जाता है.
आनंद एल राय इस फिल्म के निर्माता हैं और इस फिल्म में आपको तनु वेड्स मनु की झलक मिलती है. जिमी शेरगिल की दुल्हन का भाग जाना, नाम का मिल जाना इस फिल्म को तनु वेड्स मनु फिल्म के करीब लाता है लेकिन मुदस्सर अजीज़ की फिल्म के अपने मायने हैं.
इस बार कहानी सोनाक्षी सिन्हा के आसपास बुनी गई है और सोनाक्षी और उनका पंजाबी बॉयफ्रेंड जस्सी गिल इस उलझन में फंसे हुए हैं और इस गलत नाम के चक्कर से निकलना चाहते हैं.
सोनाक्षी सिन्हा जैसे ही शंघाई में लैंड करती हैं उनको किडनैप कर लिया जाता है. इस दौरान हैप्पी को ढूंढते हुए पिछली फिल्मों के किरदार बग्गा, गुड्डू, उस्मान मियां और हैप्पी (डायना) चीन में घूम रहे हैं और परेशान हो रहे हैं. फिल्म की कहानी में गहराई नहीं है लेकिन फिल्म की कॉमेडी आपको बांधे रखती है. पर सिर्फ कॉमेडी पर 135 मिनट की फिल्म को चलाना मुश्किल होता है. फिल्म का दूसरा भाग खींचा हुआ लगता है और गाने ठूंसे हुए लगने लगते हैं.
पिछली फिल्म की लीड रही डायना के लिए इस फिल्म में खास जगह नहीं है. जिमी शेरगिल अपने किरदार में मजेदार नजर आते हैं. सोनाक्षी सिन्हा के आने से फिल्म में फ्रेशनेस आई है और किसी दूसरी हैप्पी को इंट्रोड्यूस करने से फिल्म में एक और एंगल जुड़ जाता है.
मुदस्सर अजीज़ का स्क्रीनप्ले अच्छा है और डॉयलॉग जबर्दस्त हैं लेकिन कहीं कहीं फिल्म छूटती हुई लगती है. फिल्म के गाने आपको याद नहीं रहते और ये सोशल मीडिया पर भी हिट नहीं हो पाए हैं हालांकि फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अच्छा बन पड़ा है. फिल्म में चाइनीज़ संगीत का इस्तेमाल भी अच्छा लगता है.
इस फिल्म के वन लाइनर्स आपको मज़ा देते हैं और भले ही फिल्म में कुछ कमिया हैं ये आपको निराश नहीं करती. ये एक पारिवारिक कॉमेडी है और आप सिनेमा से बाहर चेहरे पर एक मुस्कुराहट लेकर लौटेंगे.
कहानी | : | 2.5/5 |
स्क्रिनप्ल | : | 2/5 |
डायरेक्शन | : | 3/5 |
संगीत | : | सोहेल सेन/5 |
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Tags: Film review, Happy Phir bhaag Jayegi
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