पीएम की कुर्सी तक पहुंचने में ये शख्स कर सकता है इमरान ख़ान की मदद
ऐसा माना जा रहा है कि अगर इमरान खान को सरकार बनाने के लिए गठबंधन की जरूरत पड़ती है तो मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) और ...अधिक पढ़ें
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पाकिस्तान चुनाव में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेशनल एसेंबली में सबसे बड़ी पार्टी बनने की तरफ बढ़ रही है. देर रात 2 बजे तक के रुझान के मुताबिक पीटीआई 112 सीटों पर आगे चल रही है. रुझानों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान की पार्टी बहुमत के जादूई आंकड़े 137 सीट से पीछे रह सकती है. ऐसे में इमरान खान को प्रधानमंत्री बनने के लिए दूसरे दल के साथ की जरूरत पड़ेगी.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि अगर इमरान खान को सरकार बनाने के लिए गठबंधन की जरूरत पड़ती है तो मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) और इसके नेता फजलुर रहमान उनकी मदद कर सकते हैं. बता दें, फजलुर रहमान की उनकी टर्नकोट राजनीति के लिए आलोचना की जाती है.
फजलुर रहमान एक विवादस्पद नेता है, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के लिए हमदर्दी रखते हैं. मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) छह धार्मिक पार्टी का एक संगठन है, जिसे फजलुर रहमान चलाते हैं. पाकिस्तान में रहमान ने रणनीतिक गठजोड़ों को सही समय पर तोड़कर अपनी राजनीति को जिंदा रखा है.
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उनके आलोचकों ने तर्क दिया है कि वह अब सत्ता में आने वाले व्यक्ति की ओर बढ़ते हैं. एमएमए दूर-दराज के धार्मिक संगठनों का गठबंधन है, जो एक आम मंच पर एक साथ आया है. गठबंधन में मुख्य पार्टी जेयूआई (एफ) 2012 तक आसिफ अली जरदारी की अगुवाई वाली पीपीपी सरकार के साथ गठबंधन में थी, जब तक फजलुर रहमान ने पीएमएल (एन) को छोड़ा था.
इस समय राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने 30 सीटों पर बढ़त कायम की है. जबकि मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल ने 11 सीटों पर बढ़त बना रखी है. इस गठबंधन में काजी हुसैन अहमद की पार्टी जमात-ए-इस्लामी, जमीयत-उलेमा-इस्लाम फज्ल, जमीयत-उलेमा-ए-पाकिस्तान जैसे दल शामिल हैं.
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