बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेलर हाईकोर्ट कमेटी से तथ्य छुपाने पर निलंबित

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बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेलर हाईकोर्ट कमेटी से तथ्य छुपाने पर निलंबित

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेलर को हाईकोर्ट की कमेटी के सामने तथ्य को छुपाना महंगा पड़ गया. झारखंड हाईकोर्ट ने आज ...अधिक पढ़ें

    बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेलर को हाईकोर्ट की कमेटी के सामने तथ्य को छुपाना महंगा पड़ गया. झारखंड हाईकोर्ट ने आज मामले पर संज्ञान लेते हुए जेल चंद्रशेखर सुमन को निलंबित कर दिया. मामला सुप्रीम कोर्ट के गाईड लाईन पर झारखंड हाईकोर्ट द्वारा गठित एक कमेटी के जेल निरीक्षण से जुड़ा है. जब कमेटी जेल की स्थिति का अध्ययन करने जेल पहुंची को जेलर चंद्रशेखर सुमन ने ना सिर्फ कमेटी के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि जांच के दौरान तथ्य भी छुपाए. शुक्रवार तो सुनवाई के दौरान कमेटी ने जब कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट रखी तो यह बातें सामने आई. कोर्ट ने तत्काल जेलर को तलब किया और निलंबित करते हुए जेल आईजी को आगे की कार्रवाई के लिए आदेश दिया. मामले की सुनवाई एक्टिंग सीजे की खंडपीठ कर रही थी.

    रांची की बिरसा मुंडा जेल हमेशा किसी ना किसी विषय को लेकर चर्चा में रही है. इस जेल में दबंग कैदियों को अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने वहीं आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार की शिकायतें सरकार और न्यायालय में की जाती रही हैं. वहीं जेल की सफाई, खाना और स्वास्थ्य सेवाओं भी समय समय पर जांच में गड़बड़ पाए गए हैं. आम तौर से किसी बड़े स्तर की कमेटी की जांच के समय जो भी जेल का प्रशासनिक अधिकारी होता है, वह तथ्यों को सही ढंग से रखता है या पहले से इतनी तैयारी रखता है कि कोई चीज पकड़ में ना आए. यह पहले जेलर हैं जो हाईकोर्ट की कमेटी पर भी कैदियों की तरह अपना रूतबा गांठने लगे, जिसकी सजा निलंबन के रूप में मिली.

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