गठबंधन में ‘जूनियर पार्टनर’ बनने को तैयार अखिलेश यादव पर बीजेपी का हमला
मैनपुरी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश ने इशारों ही इशारों में कह दिया कि अगर जरुरत पड़ी तो वे गठबंधन में ज ...अधिक पढ़ें
- News18 Uttar Pradesh
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि बसपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन किसी भी कीमत पर जारी रहेगा. उनका कहना है कि यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक ही नहीं, बल्कि उसके बाद भी जारी रहेगा. अखिलेश ने कहा है कि बीजेपी के साथ उनकी लड़ाई लंबी है. बीजेपी की हार सुनिश्चित हो इसके लिए वह कोई भी त्याग करने को तैयार हैं. हालांकि, बीजेपी ने अखिलेश के इस बयान को हताशा से भरा बताते हुए कहा है कि उनका आत्मविश्वास समाप्त हो चुका है.
गौरतलब है मैनपुरी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश ने इशारों ही इशारों में कह दिया कि अगर जरुरत पड़ी तो वे गठबंधन में जूनियर पार्टनर की भूमिका भी निभाने को तैयार हैं.
बकौल अखिलेश, “यह लड़ाई लम्बी है. मैं ये आज कहता हूं कि बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन जारी रहेगा. अगर दो-चार सीटें ऊपर-नीचे रहीं तो हम समाजवादी लोग त्याग करने में पीछे नहीं हटेंगे. बसपा को समर्थन देकर बीजेपी को नीचे ले जाने का काम करेंगे. हमने गठबंधन ऊपर से किया है. वह नीचे स्तर पर बसपा कार्यकर्ताओं का सहयोग करें, उनका साथ दें और उनसे गठबंधन करें.”
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद सियासी महकमें में चर्चा आम है कि फिलहाल इस सपा-बसपा का गठबंधन रुकने वाला नहीं है. बीजेपी के लिए यह स्थिति किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि उपचुनाव में चार सीटों पर सपा-बसपा का प्रयोग सफल रहा है. उपचुनाव के नतीजों के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लगने लगा है कि बीजेपी को रोकने के लिए उसे बसपा का जूनियर पार्टनर भी बनना पड़े तो उसे मंजूर है.
अखिलेश का आत्मविश्वास समाप्त हो चुका है: बीजेपी
अखिलेश के इस बयान पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि इस बयान से साफ है कि उनका आत्मविश्वास समाप्त हो चुका है. जब मुलायम सिंह यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे, उनके नेतृत्व में पार्टी ने 35 से ज्यादा लोक सभा की सीटें उत्तर प्रदेश में जीतीं थीं और विधानसभा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. लेकिन जब से अखिलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, समाजवादी पार्टी लगातार नीचे गिर रही है. हालात ऐसे बन गए हैं कि यूपी में नंबर 2 की पार्टी तीसरे चौथे नंबर की पार्टी बनने को तैयार है.
राकेश त्रिपाठी ने आगे कहा कि सपा-बसपा गठबंधन से भी बीजेपी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कैराना उपचुनाव से यह स्पष्ट हो गया है कि 19 फ़ीसदी वोटिंग कम होने के बाद भी बीजेपी को सिर्फ 4 फ़ीसदी कम वोट मिले और गठबंधन सिर्फ 44 हजार वोटों से उन्हें हरा पाया. हमें पूरा विश्वास है कि जब आम चुनाव होंगे और उपचुनावों के नतीजे यह बता रहे हैं कि एकजुट होने के बाद भी ये बीजेपी को हरा नहीं पाएंगे. उन्होंने कहा कि वैसे इस गठबंधन के होने की संभावना भी काफी कम ही है. चाहे अखिलेश कितना भी त्याग और बलिदान की बात कर लें, गठबंधन नहीं होगा.
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