पुटुर दा के इस हुनर को आप भी करेंगे सलाम, लौकी से बनाते हैं कलाकृतियां
पुटुर दा कहते हैं कि लौकी के लिए सब्जी उत्पादकों से गुहार लगानी पड़ती है. वक्त-वक्त पर इसके लिए ज्यादा कीमत भी चुकानी प ...अधिक पढ़ें
- News18 Jharkhand
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लकड़ी या प्लास्टर ऑफ पेरिस की तरह-तरह की कलाकृतियां आपने देखी होगी, लेकिन लौकी से बनी कलाकृतियां शायद ही आपको नजर आई होंगी. बाबा नगरी देवघर में एक ऐसा कलाकार है, जो अपने इस खास गुण के लिए पहचाना जाता है. सालों से यह कलाकार लौकी से एक से बढ़कर एक कलाकृतियां तैयार करता आ रहा है.
लौकी का वैसे तो आम घरों में सब्जी के रूप में इस्तेमाल होता है, लेकिन देवघर के पुटुर दा के घर में इसका अनोखा उपयोग देखने को मिलता है. पुटुर दा लौकी से सजावट की एेसी-एेसी कलाकृतियां बनाते हैं कि पहली बार इन्हें देखकर कोई भी दंग होने से नहीं बच पाता. लौकी से भगवान की मूर्ति से लेकर तरह-तरह के सजावट के सामान पुटुर दा बनाते हैं. उनके इस खास हुनर के लिए केन्द्र सरकार ने उन्हें फैलोशिप भी दिया है.
हालांकि अपने इस खास गुण को कलाकृतियों में गढ़ने के लिए पुटुर दा को कम परेशानी नहीं झेलनी पड़ती. उन्हें खेत-खेत जाकर लौकी खरीदना पड़ता है. पुटुर दा कहते हैं कि लौकी के लिए सब्जी उत्पादकों से गुहार लगानी पड़ती है. वक्त-वक्त पर इसके लिए ज्यादा कीमत भी चुकानी पड़ती है.
पुटुर दा के इस खास हुनर को देश की राजधानी दिल्ली तक में पहचान मिल चुकी है. कई बार सम्मान भी मिल चुका है. उनकी मानें तो इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. इसलिए नई पीढ़ी को इस क्षेत्र में हाथ आजमाना चाहिए. बतौर पुटुर दा इससे इस कला का बाजार बढ़ेगा. साथ ही कलाकारों और किसानों को भी फायदा मिलेगा.
(मनीष राज की रिपोर्ट)
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