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गोरखपुर ऑक्सीजन कांड का एक सालः कब थमेगा मौत का ये सिलसिला?
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गोरखपुर ऑक्सीजन कांड का एक सालः कब थमेगा मौत का ये सिलसिला?

बीआरडी मेडिकल काॅलेज की फाइल फोटो.
बीआरडी मेडिकल काॅलेज की फाइल फोटो.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बीते साल 10-11 अगस्‍त की रात ऑक्सीजन की कमी की वजह से 33 मासूमों ने दम तोड़ दिया था. ...अधिक पढ़ें

    गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बीते साल 10-11 अगस्‍त की रात ऑक्सीजन की कमी की वजह से 33 मासूमों ने दम तोड़ दिया था. शनिवार को इस दर्दनाक कांड की पहली बरसी है. इस हादसे में किसी के घर का दीपक हमेशा के लिए बुझ गया तो किसी घर की खुशियां हमेशा के लिए रूठ गईं. आज भी सबके जुबान पर एक ही सवाल है कि कब थमेगा मौतों का ये सिलसिला ?

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    ऑक्सीजन कांड भले ही बीआरडी में हो रही बच्‍चों की मौत को सुर्खियों में ले आया हो, लेकिन इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से हर रोज दम तोड़ रहे बच्‍चों के परिजनों की सुधि न तो कभी सरकारों ने ली और न ही राजनीतिक पाटियों ने. यहां चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे तो किए गए, लेकिन बच्‍चों की मौत का सिलसिला नहीं रुका. पिछले चार दशक से पूर्वांचल में अपना पांव पसार चुकी इस बीमारी ने हजारों मासूमों को असमय ही काल के गाल में समा लिया.

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    इस कांड में गोरखपुर के बेलीपार के बाघागाड़ा के रहने वाले ब्रह्मदेव यादव ने अपने जुड़वां नवजात बच्‍चों को खो दिया था. उस रात की घटना को याद करते हुए ब्रह्मदेव सिहर उठते हैं. नम आंखों से उस खौफनाक रात की घटना को बयान करते हुए ब्रह्मदेव बताते हैं कि इंसेफेलाइटिस वार्ड में अफरातफरी मची हुई थी. हर कोई अपने बच्चे की जिंदगी की भीख मांगते हुए नजर आ रहा था. ऑक्‍सीजन की सप्लाई बंद होने से मेरे दोनों बच्चों ने मेरे सामने ही दम तोड़ दिया. इस खौफनाक मंजर को मै कभी नहीं भूला सकता.

    इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती बच्चे


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    इस मामले में 23 अगस्त को नौ आरोपियों के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में आईपीसी की धारा 408, 308, 120 बी, 420, भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्‍ट 1956 की धारा 15 और सूचना और तकनीकी अधिनियम 2000 की धारा 66 के तहत केस दर्ज करवाया गया था. इसे 24 अगस्‍त को गोरखपुर के कैंटट थाने में ट्रांसफर कर दिया गया था. फिलहाल सभी आरोपी हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद जेल से बाहर आ चुके हैं.

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    हादसे के एक साल बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था पर जवाब देते हुए प्रिंसिपल डाॅ. गणेश कुमार ने बताया कि इनॉक्स कंपनी द्वारा सप्लाई सुचारु रूप से प्रदान की जा रही है. फिलहाल स्थिति सामान्य है. डाॅ.  कुमार बताते हैं कि 300-350 का वर्तमान में हमारे पास लिक्विड ऑक्सीजन का बैकअप है. वहीं बच्चों की मौत के आंकड़े के सवाल पर प्रिंसिपल ने बताया कि पहले की तरह ही शासन को रोजाना डाटा भेजा जाता है, लेकिन मीडिया को जारी नहीं किया जाता है.

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    Tags: गोरखपुर